Wed, 06 Aug 2025 08:17:54 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: रामनगर/ काशी की आत्मा से जुड़ी हर गली अपने आप में एक जीवंत इतिहास है। लेकिन इन दिनों रामनगर के वार्ड नंबर 65 की एक गली में जीवन ठहर सा गया है। राशकिशोरी बालिका इंटर कॉलेज के पीछे स्थित संकरी सड़क, जो रामनगर थाना से शास्त्री चौक जाने का एक अहम शॉर्टकट मानी जाती है, वहां अब एक टूटी हुई पीपल की टहनी आम लोगों के लिए परेशानी का पर्याय बन चुकी है।
तेज बारिश में टूटी टहनी, बनी रास्ते की रुकावट
गौरतलब है कि लगभग 15 दिन पहले क्षेत्र में हुई तेज बारिश के दौरान पीपल के पुराने पेड़ की एक भारी भरकम टहनी टूटकर अचानक गिर गई, जिससे यह पूरा रास्ता बाधित हो गया। बारिश के पानी और तेज हवाओं के कारण टहनी के साथ-साथ पेड़ की अन्य शाखाएं भी नीचे आ गईं और सड़क पर फैल गईं। तब से लेकर आज तक, वह टूटी टहनी और पेड़ का मलबा वहीं पड़ा हुआ है, जिसने गली को पूरी तरह से जाम कर रखा है।
यह कोई मामूली रास्ता नहीं है, यह वह मार्ग है जिसे लोग मुख्य सड़क पर लगने वाले जाम से बचने के लिए रोजाना इस्तेमाल करते हैं। स्कूली बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं, दुकानदार और ऑफिस जाने वाले लोग इसी गली से होकर अपनी राह पकड़ते हैं। लेकिन आज यह रास्ता मजबूरी बन चुका है।
जनता बोली – “नगर निगम सो रहा है, हम भुगत रहे हैं”
स्थानीय निवासियों का कहना है कि नगर निगम की इस उदासीनता से उनका धैर्य जवाब देने लगा है। पीपल की एक टूटी टहनी को हटाने में 15 दिन लग जाना यह दर्शाता है कि सिस्टम में संवेदनशीलता की कितनी कमी है।
गली के निवासियों और राहगीरों ने स्पष्ट रूप से कहा, “नगर निगम की नींद अब तक नहीं खुली। क्या किसी हादसे के इंतज़ार में है प्रशासन?”
पार्षद रामकुमार यादव का आक्रोश
वार्ड के स्थानीय पार्षद रामकुमार यादव ने बताया कि उन्होंने इस समस्या के बारे में नगर निगम को कई बार लिखित और मौखिक सूचना दी है। उन्होंने कहा, “मैंने खुद मौके पर जाकर निगम अधिकारियों को स्थिति दिखाई, लेकिन उनकी कार्यशैली इतनी धीमी है कि लगता है जैसे उन्हें जनता की तकलीफों से कोई मतलब ही नहीं।”
क्या किसी बड़े हादसे के बाद जागेगा सिस्टम?
गली में रहने वाले लोग बेहद चिंतित हैं कि अगर इस बीच कोई मेडिकल इमरजेंसी हो जाए, या किसी एंबुलेंस को इस रास्ते से गुजरना पड़े तो क्या होगा? क्या जिम्मेदार विभाग तब भी जवाबदेही से बच पाएगा?
जनता की अपील अब चेतावनी बन चुकी है
स्थानीय निवासियों ने नगर निगम वाराणसी से स्पष्ट मांग की है कि तत्काल प्रभाव से पेड़ की टूटी टहनी, मलबा और अवरोध हटाकर रास्ते को सुचारू रूप से चालू किया जाए। यह सिर्फ रास्ते की बात नहीं है, यह जनसुविधा, सुरक्षा और प्रशासनिक संवेदनशीलता की भी परीक्षा है।
वाराणसी, जहां गली-गली में अध्यात्म की गूंज है, वहां एक टूटी हुई टहनी 15 दिनों से शासन-प्रशासन की कार्यशैली की असलियत बयां कर रही है। अब सवाल यही है, क्या पहले पेड़ हटेगा या जनता का सब्र टूटेगा।