Thu, 02 Oct 2025 20:29:28 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: रामनगर के अधिवक्ताओं ने गुरुवार को इतिहास और परंपरा का संगम पेश किया। दी लायर्स एसोसिएशन रामनगर वाराणसी के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती को बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। आयोजन स्थल साईं उत्सव लॉन, पुराना रामनगर अधिवक्ताओं की उपस्थिति और जोश से खचाखच भरा हुआ था।
शास्त्री प्रतिमा पर माल्यार्पण और नारों की गूंज
कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई। जैसे ही पुष्प अर्पित किए गए, पूरा पंडाल गूंज उठा, ' जय जवान, जय किसान', 'महात्मा गांधी अमर रहें।' और "अधिवक्ता एकता जिंदाबाद।"
इन नारों ने ऐसा वातावरण बना दिया मानो स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र निर्माण की गूंज एक बार फिर लौट आई हो। अधिवक्ताओं की एकजुटता और राष्ट्रप्रेम की भावना ने इस आयोजन को अद्वितीय बना दिया।
वरिष्ठ अधिवक्ता का भावपूर्ण गीत
वरिष्ठ अधिवक्ता रामचंद्र यादव ने गांधी-शास्त्री के अवतरण दिवस पर एक गीत सुनाया। उनकी आवाज़ और गीत की पंक्तियों ने माहौल को भावुक और प्रेरणादायी दोनों बना दिया। गीत खत्म होते ही अधिवक्ताओं ने तालियों से उनका अभिनंदन किया।
प्रमुख अधिवक्ता और उनका दृष्टिकोण
इस मौके पर विनय कुमार सिंह पिस्टल, अरुण कुमार जायसवाल, रामकुमार यादव, विष्णु श्रीवास्तव, लक्ष्मणेश्वर शर्मा, श्याम जी सिंह, आनंद यादव, धीरेंद्र सिंह धीरू समेत अनेक अधिवक्ता उपस्थित रहे।
लक्ष्मणेश्वर शर्मा ने कहा, "महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री न केवल भारत के, बल्कि पूरी मानवता के पथप्रदर्शक हैं। सत्य, अहिंसा और सादगी ही उनके जीवन की पहचान रही। आज हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि अधिवक्ता समाज न्याय के रास्ते पर चलते हुए उनके आदर्शों को आगे बढ़ाए।"
महामंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा,"गांधी ने विश्व को सत्य की ताकत दिखाई, शास्त्री ने भारत को आत्मनिर्भरता और ईमानदारी का मंत्र दिया। आज अधिवक्ता समाज इन आदर्शों को अपनाकर राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान दे सकता है।"
अरुण कुमार जायसवाल ने बोला कि अधिवक्ताओं की एकजुटता ही हमारी असली ताकत है। यदि हम संगठित रहेंगे तो न्यायालय से लेकर समाज तक, हर स्तर पर न्याय की आवाज और बुलंद होगी।"
विनय कुमार सिंह पिस्टल ने जोश से कहा, "गांधी जी का सत्य और शास्त्री जी का त्याग हमें अधिवक्ताओं को हमेशा प्रेरित करता रहेगा। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हम केवल पेशे से अधिवक्ता नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र की आत्मा भी हैं।"
नारे बने आयोजन की पहचान
पूरे कार्यक्रम के दौरान 'अधिवक्ता एकता जिंदाबाद' का नारा अधिवक्ताओं के जोश और संगठन की शक्ति का प्रतीक बन गया। युवा और वरिष्ठ अधिवक्ता एक साथ मंच पर खड़े होकर नारों की गूंज में अपनी एकजुटता दिखा रहे थे।
स्थापना दिवस का महत्व
वक्ताओं ने कहा कि स्थापना दिवस केवल एक परंपरा नहीं है, बल्कि यह अधिवक्ता समाज की संघर्षशीलता, समर्पण और समाज सेवा की परंपरा का प्रतीक है। यह दिन याद दिलाता है कि अधिवक्ता न्याय का प्रहरी है और अगर वह गांधी-शास्त्री के आदर्शों को आत्मसात कर ले, तो समाज और राष्ट्र दोनों की दिशा बदल सकती है।
समारोह का समापन और संकल्प
समारोह के अंत में सभी अधिवक्ताओं ने एक स्वर में यह संकल्प लिया कि वे गांधी और शास्त्री जी के आदर्शों को आत्मसात कर अधिवक्ता समाज को और भी मजबूत बनाएंगे। उन्होंने कहा कि, "न्याय, सत्य और समानता के मार्ग पर चलते हुए ही हम अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकते हैं। यही दोनों महापुरुषों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।"
रामनगर में आयोजित यह भव्य समारोह इस बात का जीवंत उदाहरण बन गया कि अधिवक्ता सिर्फ अदालत तक सीमित नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र की दिशा तय करने में भी उनकी बड़ी भूमिका है। गांधी और शास्त्री के आदर्शों पर चलने का संदेश देकर अधिवक्ताओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी एकजुटता ही समाज के लिए नई रोशनी और नई ऊर्जा का स्रोत है।