Wed, 12 Nov 2025 21:30:08 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: रामनगर/कमिश्नरेट के अंतर्गत आने वाला रामनगर थाना क्षेत्र इन दिनों चोरी की घटनाओं का गढ़ बनता जा रहा है। लगातार हो रही वारदातों ने न केवल स्थानीय नागरिकों को चिंता में डाल दिया है, बल्कि पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह है कि आखिर जब शहर के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले क्षेत्रों में भी चोरी की घटनाएं घट रही हैं, तो आम जनता की सुरक्षा किसके भरोसे है?
ताजा मामला रामनगर की मोहताजखाना कॉलोनी का है, जो असम के महामहिम राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य जी के निवास स्थान के बिल्कुल पास स्थित है। इसी कॉलोनी में रहने वाले जवाहरलाल द्विवेदी के घर में बीती रात चोरों ने बड़ी सफाई से हाथ साफ कर दिया। बताया जा रहा है कि चोरों ने घर के अंदर रखे गल्ले से लगभग बीस हजार रुपये नकद और कीमती आभूषणों पर हाथ साफ कर दिया। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि चोरी उसी कमरे में हुई, जहां परिवार के लोग गहरी नींद में सो रहे थे।
राज्यपाल आवास जैसी उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र के नजदीक ऐसी वारदात होना इस बात का प्रमाण है कि रामनगर पुलिस की गश्त और निगरानी व्यवस्था पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में रात के समय संदिग्ध लोगों की आवाजाही आम बात हो चुकी है। मोहताजखाना कॉलोनी के समीप के कुओं और गलियों में आए दिन जुआरियों और नशेड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है, जिसकी शिकायतें कई बार पुलिस को दी जा चुकी हैं, लेकिन नतीजा शून्य।
चौंकाने वाली बात यह है कि राज्यपाल आवास के आसपास मौजूद सुरक्षा बल और सीसीटीवी नेटवर्क के बावजूद चोरों ने इतनी निर्भीकता से वारदात को अंजाम दिया और पुलिस को भनक तक नहीं लगी। इससे यह स्पष्ट होता है कि या तो पुलिस की गश्त महज़ दिखावे की है या फिर सुरक्षा में कोई गहरा छेद मौजूद है।
घटना के बाद से कॉलोनी में दहशत और नाराजगी का माहौल है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि “अगर राज्यपाल आवास के पास रहने वाले सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता का क्या होगा?” लोगों ने इस चोरी की वारदात को लेकर जमकर आक्रोश व्यक्त किया और थाना पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया।
नगर की जनता अब पूछ रही है, आखिर कर क्या रही है रामनगर पुलिस? क्या उनका काम सिर्फ कागज़ों में गश्त दिखाना रह गया है? क्षेत्र में बीते महीनों में लगातार कई चोरियां हो चुकी हैं, लेकिन पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं। न कोई गिरफ्तारी, न कोई ठोस कार्रवाई। ऐसे में लोगों का विश्वास कानून व्यवस्था से उठता जा रहा है।
रात-दिन गश्त के बड़े-बड़े दावे करने वाली पुलिस की पोल अब खुलकर सामने आ गई है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर प्रशासन अब भी नहीं चेता, तो क्षेत्र में अपराधियों के हौसले और बढ़ेंगे। नागरिकों ने मांग की है कि कॉलोनी और आसपास के इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, गश्त बढ़ाई जाए और संदिग्ध तत्वों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
रामनगर जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले क्षेत्र की यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। सुरक्षा के तमाम इंतजामों के बावजूद चोरी की घटनाएं यह सवाल उठाती हैं कि क्या अब कानून के रक्षक ही जनता के भरोसे के दुश्मन बन बैठे हैं?
जनता चाहती है जवाब, आखिर कब तक पुलिस यूं ही हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेगी? क्या अब भी उम्मीद करनी चाहिए कि अपराधी पकड़े जाएंगे, या फिर उम्मीद करनी होगी बेइमानी।
पूछ रहा है, न्यूज रिपोर्ट रामनगर प्रशासन से सवाल बनकर जनता की आवाज।