Wed, 12 Nov 2025 14:47:20 - By : Shriti Chatterjee
दिल्ली के रेड फोर्ट के पास हुए कार विस्फोट मामले में जांच एजेंसियों को अब सहारनपुर से जुड़ा नया सुराग मिला है। फरीदाबाद में डॉक्टर शाहीन सईद के घर से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद होने के बाद जांच ने नया मोड़ ले लिया है। अब पता चला है कि लखनऊ में पकड़े गए डॉक्टर परवेज आलम के घर पर मिली सफेद आल्टो कार सहारनपुर निवासी शोएब के नाम पर रजिस्टर्ड थी। यह वही डॉक्टर परवेज हैं जिनका नाम दिल्ली ब्लास्ट केस में गिरफ्तार डॉक्टर शाहीन के भाई के रूप में सामने आया है।
एटीएस ने सोमवार सुबह लखनऊ के गुड़म्बा क्षेत्र में डॉक्टर परवेज के घर पर छापा मारा। घर के बाहर खड़ी सफेद आल्टो कार (UP 11 BD 3563) की जांच में खुलासा हुआ कि वाहन सहारनपुर के गांव चकदेवली निवासी शोएब के नाम पर था। कार पर इंटीग्रल यूनिवर्सिटी का गेट पास भी लगा मिला, जिससे शक और गहरा गया। जांच में सामने आया कि शोएब ने वर्ष 2021 में यह कार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म OLX के माध्यम से दो लाख बीस हजार रुपये में बेची थी।
पूछताछ में शोएब ने बताया कि उसने यह सौदा डॉक्टर परवेज के क्लिनिक में काम करने वाले सनी नाम के युवक के माध्यम से किया था। सनी ने बताया कि यह कार उसे 2017 में शादी के समय मिली थी, लेकिन लोन न चुका पाने के कारण उसे बेचना पड़ा। शोएब ने आरटीओ में सभी औपचारिकताएं पूरी करने का दावा किया और कहा कि डॉक्टर परवेज ने खुद कहा था कि वे कार का लखनऊ नंबर लगवाएंगे। अब खुफिया एजेंसियां इस सौदे से जुड़े वित्तीय लेन-देन और कॉल रिकॉर्ड की जांच कर रही हैं ताकि किसी बड़े नेटवर्क या आतंकी फंडिंग से संबंधित सुराग हासिल किए जा सकें।
इस बीच दिल्ली ब्लास्ट से जुड़ी जांच के दायरे में अब सहारनपुर और देवबंद भी आ गए हैं। खुफिया एजेंसियों ने मंगलवार को इन दोनों इलाकों में कई स्थानों पर छापेमारी की। सूत्रों के अनुसार, डॉक्टर आदिल के तीन करीबियों को एटीएस ने हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। साथ ही देवबंद में रह रहे कश्मीरी छात्रों, किरायेदारों और मदरसों में पढ़ने वाले युवाओं के रिकॉर्ड की जांच शुरू की गई है। पुलिस ने मकान मालिकों को निर्देश दिया है कि वे सभी किरायेदारों का सत्यापन अनिवार्य रूप से कराएं।
एसपी देहात सागर जैन ने सोमवार रात फोर्स के साथ देवबंद में पैदल मार्च किया और सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया। इसके अलावा उत्तराखंड बॉर्डर, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और होटलों पर भी सघन चेकिंग अभियान चलाया गया। अधिकारियों का कहना है कि अब तक मिली जानकारियों के आधार पर हर संदिग्ध संपर्क, लेन-देन और नेटवर्क की गहनता से जांच की जा रही है ताकि किसी भी संभावित आतंकी कड़ी को जल्द से जल्द उजागर किया जा सके।
एनआईए और एटीएस की संयुक्त जांच टीम फिलहाल कई राज्यों में सुराग तलाश रही है। एजेंसियां डिजिटल ट्रांजैक्शन, मोबाइल कम्युनिकेशन और सोशल मीडिया चैट के जरिये नेटवर्क की संरचना को समझने की कोशिश कर रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में इस केस से जुड़े और महत्वपूर्ण खुलासे सामने आ सकते हैं।