Tue, 07 Oct 2025 12:06:12 - By : Shriti Chatterjee
वाराणसी: संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का 43वां दीक्षांत समारोह 8 अक्टूबर, बुधवार को भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस अवसर की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए सभी समितियां सक्रिय हैं। कुलपति प्रोफेसर बिहारी लाल शर्मा के नेतृत्व में प्रोटोकॉल, मंच व्यवस्था, सुरक्षा, सांस्कृतिक कार्यक्रम, आतिथ्य और मीडिया से संबंधित विभिन्न समितियों ने अपनी जिम्मेदारियों का पालन शुरू कर दिया है।
इस बार समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल करेंगी। कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय विशिष्ट अतिथि और राज्य मंत्री (उच्च शिक्षा) रजनी तिवारी सारस्वत अतिथि के रूप में समारोह की शोभा बढ़ाएंगी।
दीक्षांत समारोह से एक दिन पूर्व, 7 अक्टूबर को विश्वविद्यालय परिसर में विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रातः 10:00 बजे दीक्षांत स्थल पर भूमि पूजन किया जाएगा। इसके बाद पूर्वाह्न 11:30 बजे विद्यापरिषद और अपराह्न 12:30 बजे कार्यपरिषद की बैठकें होंगी। अपराह्न 3:00 बजे मुख्य भवन स्थित दीक्षांत मंडप में समारोह की पूर्वाभ्यास प्रक्रिया पूरी की जाएगी। विश्वविद्यालय परिसर में सजावट और साफ-सफाई का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है।
कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि यह दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय की गौरवशाली परंपरा और भारतीय संस्कृति तथा संस्कृत शिक्षा के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि समारोह का उद्देश्य छात्रों की उपलब्धियों को मान्यता देना और उन्हें नई जिम्मेदारियों के लिए प्रेरित करना है। इस अवसर पर कुलसचिव राकेश कुमार, विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो जितेन्द्र कुमार, पुस्तकालय विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो हीरककांत चक्रवर्ती, शिक्षाशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. विशाखा शुक्ला, वित्त अधिकारी हरीशंकर मिश्र, परीक्षा नियंत्रक विनोद कुमार और जनसंपर्क अधिकारी शशींद्र मिश्र भी उपस्थित रहेंगे।
विश्वविद्यालय परिसर में उत्साह का माहौल है और छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों द्वारा समारोह की तैयारी में पूरी सक्रियता दिखाई जा रही है। सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन ने विशेष ध्यान दिया है, ताकि यह भव्य दीक्षांत समारोह सफल और सुचारू रूप से संपन्न हो।