Tue, 21 Oct 2025 22:58:01 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी/रामनगर: आज मंगलवार का दिन रामनगर के लिए उत्साह, उल्लास और जश्न का प्रतीक बन गया। उत्तर प्रदेश पिछड़ा आयोग के सदस्य सत्येंद्र बारी उर्फ 'बीनू' के कार्यकाल में एक वर्ष के विस्तार की आधिकारिक घोषणा के बाद पूरे नगर में खुशी की लहर दौड़ गई। वाराणसी के रामनगर क्षेत्र में सुबह से लेकर देर शाम तक माहौल उत्सव जैसा बना रहा। ढोल-नगाड़ों की थाप, पटाखों की चमक, मिठाइयों की ख़ुशबू और समर्थकों के नारों ने पूरे नगर को उल्लास से सराबोर कर दिया।
खबर की पुष्टि होते ही उनके समर्थक, युवा साथी, सामाजिक कार्यकर्ता, महिलाएँ और बुजुर्ग बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आए। जगह-जगह पटाखे फोड़े गए, समर्थकों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई और "बीनू भइया ज़िंदाबाद" के नारों से गलियाँ गूंज उठीं।
कार्यकाल बढ़ने की सूचना मिलते ही सत्येंद्र बारी 'बीनू' सीधे अपनी बस्ती पहुँचे। उन्होंने बुजुर्गों से आशीर्वाद लिया, बच्चों को गोद में उठा कर मिठाई खिलाई और क्षेत्र के लोगों से आत्मीय भाव से मिले।
हमारे संवाददाता से इस दौरान भावुक होते हुए उन्होंने कहा, कि "मेरी हर उपलब्धि मेरी बस्ती, मेरे समाज और मेरे लोगों को समर्पित है। जो सम्मान आपने दिया है, वही मेरी ताकत है। मैं जो हूँ, इन्हीं की वजह से हूँ। मेरा हर कदम समाज की प्रगति और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए है। मैं आजीवन इस प्रेम का ऋणी रहूँगा।"
उनके इन शब्दों ने वहाँ मौजूद लोगों की आँखें नम कर दीं और पूरा वातावरण तालियों, नारों और उत्साह से भर गया। महिलाओं ने मंगलगीत जैसा उत्साह व्यक्त किया, युवाओं ने नाच-गाकर खुशी मनाई और बच्चों ने आतिशबाज़ी कर माहौल को और भव्य बना दिया।
सत्येंद्र बारी ‘बीनू’ का कार्यकाल विस्तार केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि उनकी जमीनी सक्रियता, सामाजिक संघर्ष, मिलनसार व्यक्तित्व और जनता के साथ निरंतर जुड़ाव का परिणाम माना जा रहा है। समाज में उनकी पहचान एक सहज, उपलब्ध और संवेदनशील जननेता की है, जो लोगों की समस्याओं को न केवल सुनते हैं, बल्कि समाधान तक पहुँचने के लिए संघर्ष भी करते हैं। इसी कारण उनका यह विस्तार समर्थकों और समाज के लिए "सम्मान और आत्मविश्वास की जीत" के रूप में देखा जा रहा है।
कार्यकाल बढ़ने के बाद सत्येंद्र बारी ने संकेत दिए कि आने वाले समय में समाज के मुद्दों, योजनाओं के क्रियान्वयन और पिछड़े वर्ग की पैरवी को और सशक्त रूप में आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि "यह विस्तार पद का गौरव नहीं, बल्कि जिम्मेदारी का विस्तार है। मेरा लक्ष्य है उन घरों तक राहत और परिणाम पहुँचाना, जहाँ आज भी उम्मीद दरवाज़े पर खड़ी है।"
रामनगर में मंगलवार को मनाया गया यह जश्न सिर्फ एक राजनीतिक घटना नहीं, बल्कि जनता और नेतृत्व के बीच विश्वास, आत्मीयता और साझे सपनों का उत्सव बन गया। बच्चों की मुस्कान, युवाओं का उत्साह, महिलाओं की भागीदारी और बुजुर्गों का आशीर्वाद, सबने इस दिन को अविस्मरणीय बना दिया।