Mon, 01 Dec 2025 11:54:54 - By : Palak Yadav
श्री काशी विश्वनाथ धाम का प्रांगण उस समय अलौकिक ऊर्जा से भर उठा जब हर हर महादेव के गगनभेदी जयघोष के बीच नागपुर स्थित शिवगर्जना बहुउद्देशीय संस्था ढोल ताशा और ध्वज पथक के लगभग सत्तर सदस्यीय दल ने अपनी विशेष प्रस्तुति देकर धाम में शिवांजलि अर्पित की। पारंपरिक ढोल ताशा की थापों से बना अद्भुत संगीत पूरे परिसर में इस तरह गूंजा कि वहां मौजूद श्रद्धालु कुछ ही क्षण में शिवभक्ति में पूर्ण रूप से डूब गए। इस प्रस्तुति की सबसे खास बात यह रही कि अनुभवी कलाकारों के साथ बहुत कम उम्र के बच्चे भी बराबरी के उत्साह और कौशल के साथ ढोल ताशा बजाते दिखाई दिए। बच्चों की ऊर्जा और क्षमता ने पूरा वातावरण और अधिक प्राणवान बना दिया और यह क्षण श्रद्धालुओं के लिए एक अनूठा आध्यात्मिक अनुभव बन गया। परंपरा, भक्ति और अनुशासन का यह ताल मेल देखने वालों को भावविभोर कर गया और कई श्रद्धालुओं ने इसे ऐसा क्षण बताया जिसे शब्दों में व्यक्त करना आसान नहीं।
इस आयोजन का संबंध महेश चन्द्रकान्त रेखे द्वारा स्थापित वेदपाठशाला की तप पूर्ति वर्ष स्मृति से था। उनके सुपुत्र देवव्रत महेश रेखे ने मात्र उन्नीस वर्ष की आयु में काशी के इतिहास में पहली बार जटिल विधि दण्डक्रम पारायण किया जो गुरु शिष्य परंपरा के अनूठे समर्पण और साधना का प्रतीक माना जा रहा है। आयोजन के समापन दिवस पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में एक भव्य सांस्कृतिक और संगीतमय उत्सव का आयोजन किया गया जिसमें उपस्थित श्रद्धालुओं ने कला और आध्यात्मिकता के इस अनोखे संगम का पूरा आनंद लिया। ढोल ताशा की गूंज पर कई लोग स्वतः ही थिरकने लगे और हर थाप पर हर हर महादेव के स्वर गूंजने लगे। श्रद्धालुओं ने कहा कि यह प्रस्तुति मानो शिव तत्व की वास्तविक अनुभूति करा रही थी क्योंकि पूरे वातावरण में एक दिव्यता और आनंद का प्रवाह महसूस किया जा सकता था।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने कहा कि नागपुर से आए शिवगर्जना संस्था के कलाकारों ने धाम में अविस्मरणीय माहौल बनाया। उनका कहना था कि यह प्रस्तुति केवल सांस्कृतिक आयोजन नहीं बल्कि श्रद्धा और भक्ति की एक जीवंत अभिव्यक्ति है। उन्होंने छोटे बच्चों की सहभागिता और अनुशासन की विशेष सराहना की और कहा कि ऐसे आयोजन काशी की आध्यात्मिक पहचान को और विस्तृत रूप में सामने लाते हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ और उनकी खुशी से यह स्पष्ट था कि यह प्रस्तुति धाम में आने वाले लोगों के लिए यादगार बन गई और इसका प्रभाव लंबे समय तक महसूस किया जाएगा।