Sun, 30 Nov 2025 11:25:24 - By : Shriti Chatterjee
सोनभद्र में कोडीन आधारित कफ सिरप के बड़े पैमाने पर अवैध कारोबार का खुलासा हुआ है। औषधि निरीक्षक राजेश कुमार मौर्य की जांच में यह मामला सामने आया कि दो सगे भाई अलग अलग फर्मों के नाम पर कोडीनयुक्त सिरप की भारी खरीद कर रहे थे, जबकि दुकानों पर न तो कोई स्टॉक मिला और न ही किसी प्रकार का दस्तावेज मौजूद था। यह पता चला कि रांची स्थित फर्म शैली ट्रेडर्स ने सोनभद्र की मेसर्स मां कृपा मेडिकल और मेसर्स शिविक्षा फार्मा को कुल सात लाख तिरपन हजार शीशियां कोडीन सिरप बेची थीं। इतनी बड़ी मात्रा बेहद संदिग्ध मानी गई क्योंकि दोनों दुकानों में न माल का कोई रिकार्ड था और न ही बिक्री का कोई प्रमाण मिला। जांच में सामने आया कि यह पूरा नेटवर्क कोडीन सिरप को काले बाजार में पहुंचाने का काम कर रहा था और इस रैकेट में कई जिलों के लिंक जुड़े हैं।
जानकारी के अनुसार औषधि निरीक्षक को मुख्यालय लखनऊ से मिली निर्देशों पर 25 नवंबर को बरकरा तालाब स्थित दोनों दुकानों की जांच के लिए भेजा गया। वहां पहुंचने पर दोनों दुकानें बंद मिलीं। मकान मालिक और आसपास के लोगों ने बताया कि ये दुकानें महीनों से बंद रहती हैं और मालिक बहुत कम दिखाई देते हैं। जब चाबी मंगवाकर दुकानें खोली गईं तो अंदर खाली कमरे मिले। वहां न दवाओं का कोई स्टॉक था, न लाइसेंस की कोई प्रति और न ही कोई पंजी दर्ज था। इससे स्पष्ट हुआ कि कागजों पर दिखाए गए करोड़ों के कारोबार के पीछे कोई वास्तविक गतिविधि नहीं थी और फर्म केवल कागजी लेनदेन के लिए चलाई जा रही थी।
भवन स्वामी ने लिखित रूप से बताया कि दो वर्ष में फर्म मालिक केवल पांच या छह बार दुकान पर आए और शुरुआत में तीन चार पेटी दवा रखकर चले गए। इसके बाद कभी कोई बिक्री या दवा की आमद नहीं देखी गई। औषधि निरीक्षक की रिपोर्ट में कहा गया कि कोडीन आधारित सिरप नशे के रूप में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की जाती है और यह काले बाजार में ऊंची कीमत पर बेची जाती है। रिपोर्ट में शैली ट्रेडर्स के प्रो भोला प्रसाद जायसवाल को इस रैकेट के बड़े सरगना के रूप में चिह्नित किया गया है। बताया गया कि उन्होंने कई जिलों में फर्जी फर्मों के नाम पर भारी मात्रा में कोडीनयुक्त दवाएं बेची हैं और इनके खिलाफ वाराणसी सहित कई जिलों में मुकदमे भी दर्ज हैं।
औषधि निरीक्षक ने इस प्रकरण को गंभीर स्वरूप का बताते हुए संबंधित फर्म संचालकों के खिलाफ औषधि अधिनियम 1940, भारतीय न्याय संहिता 2023 और एनडीपीएस एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई के लिए राबर्टसगंज कोतवाली में शनिवार रात तहरीर दी। प्रशासनिक स्तर पर इसे अब तक का सबसे बड़ा कोडीन सिरप घोटाला बताया जा रहा है जिसमें दस्तावेजों की हेराफेरी कर करोड़ों रुपये का अवैध लाभ कमाने का आरोप सामने आया है। इस पूरे नेटवर्क में फर्म मालिकों की भूमिका को अत्यधिक संदिग्ध माना गया है क्योंकि खरीद की मात्रा लाखों में दिखाई गई जबकि दुकानें अस्तित्वहीन अवस्था में पाई गईं।
घटना के बाद प्रभारी निरीक्षक माधव सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर मां कृपा मेडिकल बरकरा के स्वामी सत्यम कुमार, मेसर्स शिविक्षा फार्मा के स्वामी विजय गुप्ता और रांची स्थित फर्म शैली ट्रेडर्स के प्रोपराइटर भोला प्रसाद जायसवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। सभी के पते वाराणसी और रांची लिंक से जुड़े होने की पुष्टि हुई है और मामले की जांच तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है। पुलिस और औषधि विभाग का कहना है कि इस अवैध कारोबार का नेटवर्क बड़ा हो सकता है और आने वाले दिनों में और नाम सामने आ सकते हैं।