पूजा पाल का सपा से निष्कासन, पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के आरोप में कार्रवाई

सपा ने बागी विधायक पूजा पाल को पार्टी विरोधी गतिविधियों और गंभीर अनुशासनहीनता के आरोप में तत्काल निष्कासित किया।

Thu, 14 Aug 2025 18:30:36 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) की बागी विधायक पूजा पाल को पार्टी विरोधी गतिविधियों और गंभीर अनुशासनहीनता के आरोप में सपा से निष्कासित कर दिया गया है। पार्टी ने आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि अब वह किसी भी सपा कार्यक्रम, बैठक या गतिविधि में भाग नहीं ले सकेंगी और न ही उन्हें आमंत्रित किया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें सभी पार्टी पदों से भी हटा दिया गया है।

पूजा पाल का निष्कासन ऐसे समय हुआ है जब उनके एक बयान ने पार्टी नेतृत्व को असहज कर दिया था। दरअसल, उन्होंने हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति की खुलकर प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा था कि इसी नीति के कारण उन्हें न्याय मिला है, क्योंकि अतीक अहमद ने उनके पति की हत्या की थी और योगी सरकार ने अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर उन्हें सजा दिलाई। पूजा पाल के अनुसार, प्रयागराज की कई महिलाओं को भी इसी नीति का लाभ मिला है।

सूत्रों का कहना है कि सपा नेतृत्व को यह बयान नागवार गुजरा, क्योंकि पार्टी लंबे समय से प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर हमला बोलती रही है। हाल ही में यूपी विधानसभा के मानसून सत्र में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया था कि अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई जाति और धर्म देखकर की जा रही है।

निष्कासन आदेश में कहा गया है कि पूजा पाल का आचरण पार्टी की नीतियों और अनुशासन के विरुद्ध है, जो संगठन के लिए अस्वीकार्य है। आदेश में उन्हें तत्काल प्रभाव से पार्टी से बाहर करने की घोषणा की गई।

सपा से निष्कासन के बाद पूजा पाल ने भावुक होते हुए कहा, "मेरे पति की हत्या अतीक अहमद ने की थी और योगी सरकार ने मुझे न्याय दिलाया। यह कहना गलत नहीं होगा कि मेरे दुश्मनों को खत्म किया गया है। मैं मुलायम सिंह यादव के समय से सपा में नहीं थी। मुझे लगा था कि अखिलेश यादव अपराधियों से नफरत करते हैं, इसी सोच के साथ मैं सपा में शामिल हुई थी।"

पूजा पाल का नाम उन सपा विधायकों में भी शामिल रहा जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ के पक्ष में मतदान किया था। इन विधायकों में सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय, राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, राकेश पांडेय, विनोद चतुर्वेदी और आशुतोष मौर्य शामिल थे। वहीं, सुभासपा के विधायक जगदीश नारायण राय ने सपा उम्मीदवार को वोट दिया था।

इस चुनाव में जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की पत्नी और विधायक महराजी देवी ने मतदान नहीं किया। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने भाजपा नेताओं से स्पष्ट किया था कि वह भाजपा प्रत्याशी को वोट नहीं देंगी, लेकिन मतदान से दूर रहकर अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा को फायदा पहुंचा दिया।

पूजा पाल के निष्कासन के बाद सपा में आंतरिक असंतोष और राजनीतिक समीकरणों पर चर्चा तेज हो गई है। जानकारों का मानना है कि यह घटनाक्रम न केवल सपा के अंदरूनी राजनीतिक माहौल को प्रभावित करेगा, बल्कि आने वाले चुनावी समीकरणों पर भी इसका असर दिखाई दे सकता है।

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