Sat, 01 Nov 2025 12:09:16 - By : Shriti Chatterjee
प्रयागराज के स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल (SRN) के सर्जन डॉक्टरों की टीम ने एक जटिल और चुनौतीपूर्ण लेप्रोस्कोपिक सर्जरी कर चिकित्सा क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इस सर्जरी के माध्यम से 50 वर्षीय महिला के पेट से स्यूडोपैंक्रियाटिक सिस्ट यानी शिष्ट को सफलतापूर्वक निकाला गया। करछना की रहने वाली यह महिला पिछले एक महीने से गंभीर पेट दर्द से परेशान थी और लगातार उपचार के बावजूद उसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा था।
परिजनों ने शुरुआत में करछना के एक निजी अस्पताल में उसका इलाज कराया, जहां तीन दिन भर्ती रहने के बाद भी दर्द कम नहीं हुआ। इसके बाद डॉक्टरों की सलाह पर उसे स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय के सर्जरी विभाग में भर्ती किया गया। वहां जांच के दौरान जब सीईसीटी स्कैन कराया गया तो महिला के पेट में एक बड़ा वॉल्ड ऑफ नेक्रोसिस सहित स्यूडोपैंक्रियाटिक सिस्ट पाया गया। यह एक जटिल स्थिति होती है, जो आमतौर पर एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस के बाद बनती है। इस अवस्था में अग्न्याशय की सूजन के कारण उसमें जमा द्रव और मृत ऊतक मिलकर एक थैली जैसी संरचना बना लेते हैं, जो रोगी को लगातार दर्द और उलझन में डाल देती है।
अस्पताल के सर्जन विशेषज्ञों ने यह सर्जरी लेप्रोस्कोपिक तकनीक से की, जो पेट में छोटे चीरे के माध्यम से की जाती है और इसमें जोखिम कम रहता है। यह सर्जरी लगभग दो घंटे तक चली और डॉक्टरों की कुशल टीम ने पूरी सावधानी के साथ सिस्ट को सुरक्षित रूप से निकाल दिया। सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति स्थिर बताई जा रही है और वह तेजी से स्वस्थ हो रही है।
डॉक्टरों ने बताया कि ऐसे मामलों में समय पर पहचान और उचित उपचार बहुत जरूरी होता है। अगर यह सिस्ट फट जाए या संक्रमण फैल जाए तो मरीज की जान को गंभीर खतरा हो सकता है। SRN हॉस्पिटल की यह सफलता जिले और प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक प्रेरणादायक उपलब्धि मानी जा रही है।
अस्पताल प्रशासन ने सर्जरी करने वाली टीम की सराहना की है और कहा कि लेप्रोस्कोपिक तकनीक के जरिए ऐसे जटिल ऑपरेशनों को सफलता पूर्वक अंजाम देना चिकित्सा सुविधाओं की बढ़ती क्षमता का उदाहरण है।