Fri, 25 Jul 2025 21:26:55 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकों और प्राचार्यों के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया अब निर्णायक दौर में पहुंच गई है। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग में अध्यक्ष प्रोफेसर कीर्ति पांडेय की अध्यक्षता में हुई महत्वपूर्ण बैठक में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी), प्रवक्ता (पीजीटी) तथा प्राचार्य के पदों की भर्ती को लेकर अधियाचन प्रारूप को अंतिम मंजूरी दे दी गई। यह निर्णय राज्य में लंबे समय से खाली पड़े लगभग 30,000 शिक्षकों के पदों और लगभग 4,000 प्राचार्य पदों पर भर्ती का मार्ग प्रशस्त करता है।
बैठक में माध्यमिक और उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा उपलब्ध कराए गए ई-अधियाचन के प्रारूपों पर विस्तार से चर्चा की गई। आयोग ने यह अपेक्षा जताई कि एनआईसी (नेशनल इनफार्मेटिक्स सेंटर) द्वारा जल्द से जल्द भर्ती पोर्टल विकसित किया जाए, जिससे इन पदों पर भर्ती की प्रक्रिया डिजिटल रूप से तेज गति से आगे बढ़ सके। आयोग के अधिकारियों के अनुसार, पोर्टल के निर्माण में लगभग 10 से 15 दिनों का समय लग सकता है। इस दौरान माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से रिक्तियों का अद्यतन विवरण संकलित करेंगे, ताकि पोर्टल सक्रिय होते ही अधियाचन भेजा जा सके।
उच्च शिक्षा निदेशालय के प्रतिनिधियों ने जानकारी दी कि प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में सहायक आचार्य (असिस्टेंट प्रोफेसर) के 859 पद रिक्त हैं, जिनका विवरण तैयार किया जा चुका है। सहायक निदेशक प्रोफेसर बी.एल. शर्मा ने बताया कि जैसे ही पोर्टल तैयार हो जाएगा, आयोग को यह रिक्तियाँ ई-अधियाचन के माध्यम से भेज दी जाएंगी। इसके अलावा, इन महाविद्यालयों में प्राचार्य के लगभग 100 पद भी खाली हैं, जिसके लिए निदेशालय ने सभी संस्थानों से रिक्तियों का ब्योरा शीघ्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है, ताकि भर्ती की प्रक्रिया में विलंब न हो।
परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पदों पर भर्ती को लेकर भी प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। बेसिक शिक्षा विभाग ने आयोग को अवगत कराया है कि रिक्त पदों के सापेक्ष आरक्षण से जुड़े मुद्दों का निराकरण किया जा रहा है, जो जल्द पूर्ण होगा। इसके बाद अधियाचन प्रारूप तैयार कर आयोग को भेज दिया जाएगा। इस प्रक्रिया के पूरा होते ही परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता भी साफ हो जाएगा।
इसके साथ ही अटल आवासीय विद्यालय समिति और प्रशिक्षण एवं सेवा योजन निदेशालय के अधिकारियों ने भी आयोग को भरोसा दिलाया है कि विभागीय नियमावली में आवश्यक संशोधनों की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इस प्रक्रिया के पूर्ण होते ही संबंधित विभाग रिक्त पदों का विवरण एकत्र कर आयोग को अधियाचन भेज देंगे, जिससे भर्ती की गति और अधिक तेज हो सकेगी।
इस बैठक के निर्णयों से स्पष्ट हो गया है कि राज्य सरकार शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे अशासकीय शिक्षा संस्थानों को राहत देने के लिए पूरी गंभीरता से जुटी हुई है। यदि निर्धारित समय सीमा में पोर्टल तैयार होकर ई-अधियाचन प्रक्रिया पूरी होती है, तो आगामी कुछ महीनों में प्रदेश में टीजीटी, पीजीटी, सहायक आचार्य और प्राचार्य पदों पर व्यापक पैमाने पर भर्तियां शुरू हो सकती हैं। इससे न केवल छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी, बल्कि हजारों योग्य अभ्यर्थियों को रोजगार का अवसर भी प्राप्त होगा।