Mon, 23 Jun 2025 15:21:11 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
उन्नाव: दिल को झकझोर देने वाली त्रासदी, जहां एक मासूम की मौत ने छीना पिता का जीवन भी, करंट और सड़क हादसे ने एक ही रात में उजाड़ा पूरा परिवार। जिले के रसूलाबाद कस्बे में रविवार की रात जो घटा, वह न केवल एक परिवार के लिए बल्कि पूरे इलाके के लिए ऐसा गहरा सदमा लेकर आया, जिसकी टीस लंबे समय तक महसूस की जाएगी। यह कहानी महज़ एक दुर्घटना नहीं है, यह एक परिवार के सपनों, उम्मीदों और रिश्तों के टूटकर बिखरने की दर्दनाक दास्तान है, जिसमें किस्मत ने एक ही रात में बाप-बेटे दोनों की सांसें छीन लीं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार रात तकरीबन दस बजे की बात है। आसीवन थाना क्षेत्र के रसूलाबाद कस्बे में रहने वाला पांच साल का मासूम अयांश, जो खेलते हुए शायद अपने नन्हे से मन में किसी प्यारी सी कल्पना में खोया हुआ था, अचानक घर में लगे पंखे के कटे तार की चपेट में आ गया। मासूम को करंट ने बुरी तरह झुलस दिया। घबराए परिजन उसे तुरंत रसूलाबाद सीएचसी ले गए, पर डॉक्टरों ने जो कहा, उससे पूरा घर जैसे एक पल में खामोश हो गया, अयांश अब इस दुनिया में नहीं रहा।
इस खबर की गूंज जैसे ही शहर में काम कर रहे उसके पिता विष्णु जायसवाल तक पहुंची, वह खुद को संभाल न सके। बेटे के चले जाने की खबर सुनते ही विष्णु अपने काम से घर के लिए बाइक से रवाना हुए। लेकिन शायद नियति ने उनके लिए भी उस रात कुछ और तय कर रखा था। रास्ते में, माखी थानाक्षेत्र के नहर के पास, उनकी बाइक को एक तेज़ रफ्तार वाहन ने टक्कर मार दी। यह हादसा इतना गंभीर था कि विष्णु वहीं सड़क पर बेसुध पड़े रह गए।
कुछ ही देर बाद उनके पीछे-पीछे आ रहे शहर में रहने वाले परिवार के अन्य सदस्य मौके पर पहुंचे, तो सड़क किनारे विष्णु को लहूलुहान और अचेत हालत में देखकर चीख उठे। उन्हें किसी तरह मियागंज सीएचसी ले जाया गया, लेकिन किस्मत का ज़ख्म यहीं थमा नहीं था। डॉक्टरों ने उन्हें भी मृत घोषित कर दिया।
एक ही रात में एक मां ने अपना बेटा और पति दोनों खो दिए। एक घर, जिसमें कुछ घंटे पहले तक खिलखिलाहटें गूंज रही थीं, अब सिर्फ चीखें और सन्नाटा बाकी रह गया। आस-पड़ोस के लोग, रिश्तेदार, यहां तक कि थाने के अधिकारी भी इस हृदयविदारक हादसे से स्तब्ध हैं। आसीवन थानाध्यक्ष अजय कुमार सिंह ने जानकारी दी कि दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
रसूलाबाद के इस छोटे से कस्बे में आज हर आंख नम है। हर व्यक्ति इस दोहरी त्रासदी को सुनकर सिहर उठा है। मोहल्ले की गलियों में पसरा सन्नाटा और हर चेहरे पर छाया दुख इस बात का गवाह है कि यह केवल एक हादसा नहीं, एक पूरे जीवन की टूटन है।
कभी-कभी ज़िंदगी इतनी बेरहम हो जाती है कि वह एक ही क्षण में सब कुछ छीन लेती है। एक मां की गोद सूनी कर जाती है, एक घर को वीरान बना जाती है, और पीछे छोड़ जाती है एक ऐसी टीस जो किसी भी भाषा में बयान नहीं की जा सकती। रसूलाबाद की इस रात ने यही कहानी लिखी। एक मासूम की मौत और उसके पिता की दर्दभरी विदाई ने, जैसे एक पूरा संसार खामोशी में लपेट लिया हो।