यूपी में भ्रष्टाचार पर प्रहार, हापुड़ के डीसीआरबी प्रभारी मेरठ में रंगे हाथ गिरफ्तार

यूपी एंटी करप्शन टीम ने हापुड़ के डीसीआरबी प्रभारी महेंद्र कुमार को मेरठ में 4 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया, उनसे पूछताछ जारी है।

Wed, 24 Dec 2025 14:40:28 - By : Palak Yadav

उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही कार्रवाई के तहत एंटी करप्शन टीम ने बुधवार को दो अलग अलग जिलों में बड़ी सफलता हासिल की। हापुड़ में तैनात डीसीआरबी प्रभारी महेंद्र कुमार को मेरठ में चार लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। महेंद्र कुमार वर्ष 2005 बैच के दरोगा हैं और वर्तमान में हापुड़ जिले में डीसीआरबी प्रभारी के पद पर तैनात थे। वह मेरठ से जुड़े एक धोखाधड़ी के मामले की विवेचना कर रहे थे। इसी मामले में आरोपित पक्ष से जांच में राहत देने के बदले चार लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई थी। शिकायत मिलने के बाद एंटी करप्शन टीम ने पूरा जाल बिछाया और बुधवार को रोहटा रोड पर रकम लेने का स्थान तय किया गया।

योजना के अनुसार महेंद्र कुमार को कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के रोहटा रोड पर बुलाया गया। वह कार के अंदर बैठकर रिश्वत की रकम वसूल रहे थे। इसी दौरान पहले से मौजूद एंटी करप्शन टीम ने चार लाख रुपये लेते ही उन्हें मौके पर गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद दरोगा को कंकरखेड़ा थाने लाया गया जहां उनसे पूछताछ की जा रही है। सीओ प्रकाश चंद अग्रवाल ने बताया कि एंटी करप्शन टीम पूरे मामले की जांच कर रही है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इस घटना के बाद पुलिस महकमे में भी हड़कंप मच गया है।

वहीं बिजनौर जिले में भी एंटी करप्शन टीम ने एक और कार्रवाई करते हुए सदर तहसील में तैनात राजस्व लेखपाल को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। आरोपित लेखपाल रविंद्र भारद्वाज निवासी गांव शिकोहपुर थाना बड़ौत जिला बागपत हैं और वर्ष 2016 में लेखपाल के पद पर भर्ती हुए थे। शहर कोतवाली क्षेत्र के गांव ननूपुरा निवासी किसान धर्मेंद्र सिंह ने 19 दिसंबर को मुरादाबाद स्थित भ्रष्टाचार निवारण संगठन के थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि लेखपाल खतौनी में नाम और उम्र सही करने के नाम पर रिश्वत की मांग कर रहा है।

शिकायत के सत्यापन के बाद मंगलवार को एंटी करप्शन टीम प्रभारी कृष्णा अवतार अपनी टीम के साथ सदर तहसील परिसर पहुंची। टीम ने पीड़ित किसान को पांच हजार रुपये देकर तहसील परिसर के एक कमरे में लेखपाल को देने के लिए कहा। जैसे ही लेखपाल ने रिश्वत की रकम ली टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। इस दौरान कुछ राजस्व कर्मियों ने लेखपाल को छुड़ाने का प्रयास किया लेकिन टीम उसे सीधे शहर कोतवाली ले गई। लेखपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और एसडीएम सदर रितु चौधरी ने उसे तत्काल निलंबित कर दिया है। बड़ी संख्या में लेखपाल शहर कोतवाली पहुंचे रहे जबकि बुधवार को आरोपित को मुरादाबाद की भ्रष्टाचार निवारण अदालत में पेश किया जाएगा।

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