Tue, 11 Nov 2025 11:36:20 - By : Garima Mishra
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नई योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत कृषि और औद्योगिक उत्पादों के निर्यातकों को माल भाड़े पर 30 प्रतिशत तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह सुविधा उत्तर प्रदेश निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025-30 के तहत उपलब्ध कराई जाएगी।
शासनादेश के अनुसार, निर्यातकों को माल भाड़े पर आने वाले खर्च का 30 प्रतिशत या 150 रुपये प्रति किलो की दर से, जिनमें से जो राशि कम हो, वही आर्थिक सहायता दी जाएगी। इस योजना के लाभ के लिए निर्यातकों को माल निर्यात की तिथि से 180 दिनों के भीतर आवेदन करना होगा। आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए निर्यातक आवेदन जमा करने के दो सप्ताह के भीतर संशोधन भी कर सकते हैं।
एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने बताया कि निर्यातकों के आवेदन जिला उपायुक्त उद्योग द्वारा तीन सप्ताह के भीतर जाँच कर निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो को भेजे जाएंगे। इसके बाद निर्यात आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति आवेदनों को स्वीकृति प्रदान करेगी। समिति में निदेशक कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार विभाग, वित्त नियंत्रक उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय और संबंधित जिलों के उपायुक्त उद्योग सदस्य होंगे। इसके अतिरिक्त, अपर या संयुक्त आयुक्त निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो सदस्य सचिव के रूप में कार्य करेंगे।
सरकार ने यह भी घोषणा की है कि माल भाड़े की सहायता राशि सीधे निर्यातकों के बैंक खाते में ऑनलाइन भेजी जाएगी। इसके साथ ही क्रेडिट इंश्योरेंस समर्थन योजना भी शुरू की गई है, जो एमएसएमई अधिनियम 2006 के तहत आने वाली सभी इकाइयों के लिए उपलब्ध होगी। इस योजना का उद्देश्य निर्यातकों को वित्तीय सुरक्षा देना और उनके व्यवसाय को बढ़ावा देना है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस पहल से राज्य में निर्यात की गति बढ़ेगी और छोटे और मध्यम व्यवसायों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुँचने में मदद मिलेगी।