Mon, 01 Dec 2025 11:19:00 - By : Tanishka upadhyay
उत्तर प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के पांच प्रमुख जिलों लखनऊ, गोरखपुर, झांसी, वाराणसी और मुजफ्फरनगर में जल्द ही रोजगार मेला आयोजित किया जाएगा। इन मेलों में 100 से अधिक राष्ट्रीय और स्थानीय कंपनियों के शामिल होने की उम्मीद है, जो 15 हजार से अधिक रोजगार उपलब्ध कराएंगी। सरकार का उद्देश्य है कि इन आयोजनों के माध्यम से प्रदेश में बेरोजगारी दर को लगातार कम किया जाए और युवाओं को उद्योगों की मांग के अनुसार रोजगार दिलाया जा सके।
लखनऊ में इससे पहले आयोजित रोजगार महाकुंभ में तीन दिनों के भीतर लगभग सौ कंपनियों ने 50 हजार से अधिक नियुक्तियां दी थीं। इस आयोजन की सफलता को देखते हुए अब इसे अन्य जिलों में भी विस्तार दिया जा रहा है। सरकार का मानना है कि प्रदेश को डिजिटल, एआई और पर्यावरण आधारित नौकरियों का बड़ा केंद्र बनाने के लिए यह प्रयास महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
वर्ष 2017 से अब तक स्किल इंडिया मिशन और दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के तहत 5.66 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है। प्रदेश में 2,800 से अधिक प्रशिक्षण केंद्र युवाओं को उद्योग उन्मुख कौशल प्रदान कर रहे हैं, जिससे रोजगार पाने की संभावना और बेहतर होती जा रही है। साथ ही 1,747 सक्रिय प्रशिक्षण सहयोगी विभिन्न क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण दे रहे हैं।
इन योजनाओं के अंतर्गत छात्रों को डिजिटल मार्केटिंग, इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण, एआई तकनीक और अन्य व्यावसायिक कौशल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्थापित स्टार्टअप इंक्यूबेटर्स ने युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा दिया है। इन प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं, महिलाओं, ओबीसी और अनुसूचित जाति जनजाति समुदाय के लोगों को भी रोजगार में बेहतर मौके मिल रहे हैं।
राज्य सरकार प्रत्येक जिले में मासिक सेवायोजन अभियान भी चला रही है, ताकि युवाओं को सीधे नियोक्ताओं से जोड़ा जा सके। आने वाले रोजगार मेलों में बड़ी संख्या में युवाओं के शामिल होने की उम्मीद है, जो अपने कौशल के अनुसार नौकरियां हासिल कर सकेंगे।