यूपी में मिड डे मील की दरों में मामूली बढ़ोतरी, पौष्टिक भोजन देना चुनौती

महंगाई के बीच यूपी के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मिड डे मील की दरों में मामूली वृद्धि हुई, पौष्टिक भोजन देना चुनौतीपूर्ण है।

Mon, 13 Oct 2025 16:02:49 - By : Garima Mishra

लखनऊ: बढ़ती महंगाई के दौर में जहां सब्जी, दाल, चावल और तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, वहीं सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को परोसे जाने वाले मिड डे मील की दरों में केवल मामूली बढ़ोतरी की गई है। शासन ने प्राथमिक विद्यालय में प्रति विद्यार्थी 59 पैसे और उच्च प्राथमिक विद्यालय में 88 पैसे की वृद्धि की है। अब प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों पर प्रतिदिन 6.78 रुपये और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों पर 10.17 रुपये खर्च किए जाएंगे।

यह स्थिति तब है जब शहरों में आज 6 से 7 रुपये में एक प्लेट गोलगप्पे भी नहीं मिलते, जबकि विभाग इसी राशि में एक बच्चे को भरपेट भोजन कराने की जिम्मेदारी निभा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इतने कम बजट में पौष्टिक और गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराना चुनौतीपूर्ण है। मिड डे मील योजना का उद्देश्य बच्चों को स्कूल में बनाए रखना और उन्हें संतुलित आहार प्रदान करना है, लेकिन लगातार बढ़ती महंगाई ने इस लक्ष्य को प्रभावित किया है।

पूर्व में प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए 6.19 रुपये प्रति विद्यार्थी खर्च निर्धारित था, जिसे अब 6.78 रुपये कर दिया गया है। वहीं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए पहले 9.29 रुपये की दर थी, जिसे 10.17 रुपये किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, नई दरें शासन स्तर से लागू कर दी गई हैं और अब इसी के अनुसार बजट वितरण किया जाएगा।

केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही मिड डे मील योजना में अंशदान देती हैं। पहले केंद्र सरकार प्राथमिक विद्यालय के लिए 3.71 रुपये और राज्य सरकार 2.48 रुपये देती थी। नई दरों के अनुसार अब केंद्र 4.07 रुपये और राज्य 2.71 रुपये देगी। उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए केंद्र का हिस्सा 6.01 रुपये और राज्य का 4.07 रुपये होगा।

मिड डे मील का मेन्यू भी निर्धारित है, जिसमें सोमवार को रोटी-सब्जी और मौसमी फल, मंगलवार को चावल-दाल, बुधवार को तहरी और दूध, बृहस्पतिवार को रोटी और सब्जी युक्त दाल, शुक्रवार व शनिवार को चावल और मौसमी सब्जी शामिल है।

अधिकारियों का कहना है कि शासन की ओर से दरों में बढ़ोतरी के बाद विद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि भोजन की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की लापरवाही न की जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि बच्चों को पोषक तत्वों से भरपूर भोजन समय पर मिले। हालांकि, सीमित बजट में गुणवत्ता बनाए रखना शिक्षकों और रसोइयों के लिए अब भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

वाराणसी: रामनगर-पीएम मोदी का नाम छोटा लिखने पर विधायक सौरभ श्रीवास्तव हुए नाराज, कार्यक्रम का किया बहिष्कार

वाराणसी: भेलूपुर पुलिस ने छात्राओं को साइबर सुरक्षा और महिला सम्मान पर किया जागरूक

यूपी में मिड डे मील की दरों में मामूली बढ़ोतरी, पौष्टिक भोजन देना चुनौती

लखनऊ: शादी टूटने से आहत युवक ने खुद को लगाई आग, गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती

दुर्गापुर में मेडिकल छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म, चार आरोपी गिरफ्तार, सुरक्षा पर सवाल