Mon, 01 Dec 2025 20:51:19 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
लखनऊ: प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ी पूरी प्रणाली आज 1 दिसंबर से नई व्यवस्था में प्रवेश करने जा रही है। वर्षों से स्मार्ट चिप कंपनी के पास डीएल निर्माण की जिम्मेदारी थी, लेकिन अब सरकार ने इसे बदलते हुए तकनीकी दक्षता रखने वाली निजी एजेंसियों को यह काम सौंप दिया है। प्रशासन का मानना है कि डिजिटल ढांचे के विस्तार के साथ अब अधिक तेज़, पारदर्शी और अत्याधुनिक तकनीक की जरूरत है, जिसे नई कंपनियां बेहतर रूप में उपलब्ध करा सकेंगी।
नई व्यवस्था के तहत पूरे उत्तर प्रदेश को तीन हिस्सों में बांटा गया है। लखनऊ समेत कुछ प्रमुख जिलों में सिल्वर टच कंपनी ड्राइविंग लाइसेंस निर्माण की कमान संभालेगी। वहीं, अन्य जिलों के लिए फोकाम नेट और रोजमार्टा नामक एजेंसियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। अधिकारियों के अनुसार, सभी जिलों में आवश्यक उपकरण और हार्डवेयर की इंस्टॉलेशन का काम लगभग पूरा हो चुका है और वर्तमान में सिस्टम टेस्टिंग अंतिम चरण में है। टेस्टिंग के बाद ही लाइसेंस प्रिंटिंग और तकनीकी प्रक्रियाओं को पूरी तरह नए प्लेटफ़ॉर्म पर शिफ्ट किया जाएगा।
सूत्र बताते हैं कि नई कंपनियों के आने से न केवल लाइसेंस निर्माण की रफ्तार बढ़ेगी, बल्कि लंबित आवेदनों के निस्तारण में भी तेजी आएगी। अब तक कई जिलों में तकनीकी बाधाओं या सर्वर की सुस्ती के कारण डीएल वितरण में देरी होती थी। यह बदलाव उन तमाम समस्याओं को कम करने में अहम भूमिका निभा सकता है। साथ ही, नए सिस्टम में सुरक्षा फीचर्स और डेटा प्रबंधन पर विशेष जोर दिया गया है, जिससे लाइसेंस की विश्वसनीयता और डेटा की सुरक्षा और मजबूत होगी।
परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आज 1 दिसंबर से पूरे प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस की प्रिंटिंग और तकनीकी प्रक्रिया नई व्यवस्था के तहत शुरू हो जाएगी। इस बदलाव के बाद आवेदकों को अपेक्षाकृत तेज सेवाएं मिलेंगी और लाइसेंस निर्माण के पूरे तंत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी। विभाग को उम्मीद है कि नई प्रणाली राज्य में परिवहन सेवाओं की गुणवत्ता को एक नए स्तर पर ले जाएगी।