वाराणसी: रामनगर/सड़क पर छोड़ी गई सिल्ट से फिसलकर बाइक सवार घायल, नगर निगम की लापरवाही हुई-उजागर

वाराणसी के रामनगर में नगर निगम की लापरवाही से सड़क पर फैली सिल्ट के कारण बाइक सवार युवक घायल हो गया, स्थानीय लोगों ने अस्पताल पहुंचाया, लापरवाही पर लोगों ने जताया आक्रोश।

Thu, 24 Jul 2025 01:00:09 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: रामनगर/ नगर निगम की घोर लापरवाही एक बार फिर हादसे का कारण बन गई है। ताजा मामला रामनगर का है, जहां नालों की सफाई के बाद निकाली गई सिल्ट को सड़क पर ही छोड़ दिया गया। यही सिल्ट देर रात एक गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनी, जब बाइक सवार युवक इस पर फिसलकर गिर गया और घायल हो गया।

घटना बीती रात करीब 12:30 बजे की है। घायल युवक की पहचान रेहान के रूप में हुई है, जो चंदौली जिले के बबुरी क्षेत्र का रहने वाला है। वह रामनगर में अपने किसी निजी कार्य से लौट रहा था और कार्य निपटाकर वापस अपने घर बबुरी जा रहा था। जैसे ही वह रामनगर क्षेत्र से गुजर रहा था, सड़क पर फैली सिल्ट के कारण उसकी बाइक फिसल गई। अंधेरे और गंदगी से भरे इस मार्ग पर गिरने से रेहान को गंभीर चोटें आईं।

स्थानीय लोगों ने तत्काल घायल रेहान को सड़क से उठाया और लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय में भर्ती कराया। घटना के बाद इलाके में नाराजगी और रोष का माहौल है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह दुर्घटना कोई संयोग नहीं, बल्कि नगर निगम की लापरवाही की सीधी देन है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि जब भी नाली या सीवर की सफाई की जाती है, तो नालों से निकाले गए कीचड़ व सिल्ट को कई दिनों तक सड़क किनारे यूं ही छोड़ दिया जाता है। न केवल इससे गंदगी फैलती है, बल्कि यह दोबारा सीवर में जाकर जाम की स्थिति भी पैदा करता है। रही-सही कसर स्ट्रीट लाइट्स की खराब व्यवस्था पूरी कर देती है, जो केवल खंभों पर शो पीस बनकर टंगी हुई हैं, जलती नहीं हैं।

रामनगर की जनता नगर निगम से पूछ रही है सवाल:-

✅क्या नगर निगम इस हादसे की जिम्मेदारी लेगा?

✅जिस कर्मी या ठेकेदार की निगरानी में सफाई कार्य हुआ, क्या उसके खिलाफ कोई कार्रवाई होगी?

✅आखिर कब तक नागरिकों की सुरक्षा इस लापरवाही की भेंट चढ़ती रहेगी?

स्थानीय निवासियों की मांग है कि इस घटना की तत्काल जांच हो और जिम्मेदारों पर दोष सिद्ध होने पर कठोर कार्रवाई की जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि नालों की सफाई के बाद सिल्ट को तत्काल हटाया जाए और प्रकाश व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए।

रामनगर अब जाग चुका है। लोगों का साफ कहना है कि यदि ऐसी लापरवाहियों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो वे प्रशासनिक चूक के खिलाफ आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे। नगर निगम को अब अपनी जवाबदेही समझनी होगी।

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