Thu, 13 Nov 2025 11:35:27 - By : Tanishka upadhyay
वाराणसी की एक विशेष पाक्सो अदालत ने नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म के दोषी पाए गए लोहता निवासी सरफराज अहमद को कठोर सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश द्वितीय पाक्सो एक्ट नितिन पांडेय ने दोषी को बीस वर्ष के कठोर कारावास और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा दी। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि जुर्माना न देने पर दोषी को एक वर्ष अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
जुर्माना जमा होने के बाद उसकी आधी राशि पीड़िता को प्रतिकर के रूप में देने का निर्देश दिया गया है। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कुमार सिंह ने पैरवी की।
अभियोजन के अनुसार, 26 मार्च 2019 को सरफराज अहमद ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया। बेटी की मां ने पीड़िता की शिकायत पर 9 मई 2019 को लोहता थाने में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने जांच पूरी करते हुए आरोपपत्र दाखिल किया और मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई। पीड़िता अपने बयान पर अडिग रही, जबकि चिकित्सीय रिपोर्ट और अन्य गवाहों के बयान ने भी घटना की पुष्टि की। अदालत ने सभी साक्ष्यों को देखते हुए सरफराज को दोषी ठहराया।
पीड़िता की मां इस घटना से बेहद आहत थीं और लगातार थाने से लेकर अधिकारियों तक न्याय की गुहार लगा रही थीं। उन्होंने 15 अप्रैल 2019 को पाक्सो अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल कर कार्रवाई की मांग की थी। जब यह बात सरफराज और उसके भाइयों को पता चली तो उन्होंने मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाना शुरू कर दिया।
अभियोजन के अनुसार, पांच मई 2019 को रात नौ बजे सरफराज और उसके भाई पीड़िता की मां को कमरे से बाहर ले गए और मुकदमा जारी रखने की चेतावनी देते हुए उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। पीड़िता की मां ने इस घटना की तहरीर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दी, जिसके बाद सरफराज समेत छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
हालांकि बाद में कोर्ट में गवाही के दौरान पीड़िता की मां विवेचक और मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए अपने पूर्व बयान से मुकर गईं। इस पर अदालत ने उन्हें पक्षद्रोही घोषित किया और उनके खिलाफ प्रकीर्णवाद दर्ज करने के आदेश दिए। इस मामले की अलग से सुनवाई अब 13 दिसंबर को होगी।
इसके अलावा, महिलाओं से छेड़खानी के एक अन्य मामले में पुलिस ने मोहम्मद मौलवी नाम के युवक को गिरफ्तार किया। सब इंस्पेक्टर निकिता सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम जब सांस्कृतिक संकुल के पास गश्त कर रही थी, तभी आरोपी को महिलाओं से छेड़खानी करते हुए पकड़ा गया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे हिरासत में ले लिया।
इन दोनों मामलों ने एक बार फिर महिला सुरक्षा से जुड़े अपराधों की गंभीरता और संवेदनशीलता को उजागर किया है। अदालत और पुलिस की सख्त कार्रवाई ने स्पष्ट किया है कि ऐसे अपराधों में कोई ढील नहीं बरती जाएगी।