Sat, 27 Sep 2025 11:58:27 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: रामनगर कस्बे में स्थित श्री बाबा विश्वनाथ इंडियन गैस एजेंसी उपभोक्ताओं के निशाने पर आ गई है। एजेंसी पर सिलेंडर की आपूर्ति के दौरान उपभोक्ताओं से तय दर से अधिक वसूली करने का गंभीर आरोप लगाया गया है। यह मामला तब सुर्खियों में आया जब स्थानीय उपभोक्ता दीपक चौहान ने एजेंसी से मिली रसीद और अधिक वसूली की रकम का वीडियो बनाकर सार्वजनिक कर दिया। वीडियो सामने आने के बाद उपभोक्ताओं में आक्रोश फैल गया है और प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है।
वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि उपभोक्ता से निर्धारित दर से अधिक रकम मांगी जा रही है। दीपक चौहान ने खुलासा किया कि सिलेंडर का अधिकृत मूल्य 917 रुपये 50 पैसे है, लेकिन उनसे 960 रुपये वसूले गए। उन्होंने सवाल उठाया कि जब देशभर में गैस की कीमतें पहले से ही आम आदमी की जेब पर बोझ डाल रही हैं, तो एजेंसी द्वारा अतिरिक्त राशि वसूलने का क्या औचित्य है।
उपभोक्ताओं का गुस्सा, "भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं"
रामनगर और आसपास के उपभोक्ताओं का कहना है कि यह कोई नई बात नहीं है, एजेंसी लंबे समय से अतिरिक्त वसूली कर रही है। लोग बताते हैं कि कई बार शिकायतें करने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब जब वीडियो सार्वजनिक हुआ है, तो जनता की आवाज और बुलंद हो गई है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन यदि इस बार भी सख्त कदम नहीं उठाता तो ऐसी मनमानी हमेशा जारी रहेगी।
विश्व हिंदू महासंघ का बयान, "पहले भी हो चुके आंदोलन"
हमारे संवाददाता से बातचीत में विश्व हिंदू महासंघ के प्रदेश मंत्री तपेश्वर चौधरी ने बताया कि यह कोई नया मामला नहीं है। "जब मैं वाराणसी जनपद का जिला अध्यक्ष था, तब भी बाबा विश्वनाथ गैस एजेंसी की इसी अनियमितता को लेकर जिला और उच्च अधिकारियों को जानकारी दी गई थी। यहां तक कि इस एजेंसी के खिलाफ पुतले दहन कर आंदोलन भी किए गए। मैंने मोहल्लों और घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया था कि जितने का कूपन है, उतना ही पैसा दें, क्योंकि उसमें ट्राली-भाड़ा शामिल होता है। लेकिन एजेंसी मालिक ट्रॉलीमैन को पैसा नहीं देते, बल्कि यदि कोई ज्यादा बोल दे तो उस ट्रॉलीमैन को हटा दिया जाता है।"
उन्होंने प्रशासन से सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर कब तक आम जनता को लूटा जाएगा?"एजेंसी मालिक के खिलाफ तत्काल जांच बैठाई जाए, उचित मुकदमा दर्ज कर उनकी एजेंसी को सीज किया जाए।"
प्रशासन और इंडियन ऑयल पर बढ़ा दबाव
इस पूरे प्रकरण पर उपभोक्ता संगठनों ने जिला प्रशासन, खाद्य एवं रसद विभाग और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन से तत्काल जांच और कार्रवाई की मांग की है। उपभोक्ताओं का कहना है कि यदि दोष साबित होता है तो एजेंसी का लाइसेंस रद्द किया जाए और जिम्मेदारों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए। लोगों ने साफ चेतावनी दी है कि अब केवल जांच भर से जनता का विश्वास बहाल नहीं होगा, बल्कि कड़ी कार्रवाई जरूरी है।
वीडियो बना सबूत, कार्रवाई की उम्मीद
दीपक चौहान का वीडियो इस मामले में सबसे बड़ा सबूत बनकर सामने आया है। उन्होंने कहा कि यदि नगर के जिम्मेदार नेता और प्रशासन इस मुद्दे पर आवाज नहीं उठाते तो वे अकेले ही संघर्ष करेंगे। उनका कहना है कि जबरन ज्यादा पैसे वसूलने पर एजेंसी यह दलील देती है कि उन्हें खुद कंपनी से कोई लाभ नहीं मिलता। इस तर्क की भी जांच होना जरूरी है ताकि सच्चाई सामने आ सके।
अब निगाहें जिला प्रशासन और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन पर टिकी हैं कि वे इस गंभीर आरोप पर कितना त्वरित और कठोर कदम उठाते हैं। उपभोक्ताओं की एक ही मांग है, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे और दोषियों को सख्त सजा मिले।