वाराणसी: 10 प्राचीन मंदिरों के संरक्षण व जीर्णोद्धार के लिए 17.50 करोड़ स्वीकृत

काशी के 10 प्रमुख मंदिरों के संरक्षण हेतु 17.50 करोड़ मंजूर, पर्यटन विभाग को शीघ्र कार्य आरंभ के निर्देश दिए गए।

Wed, 17 Dec 2025 12:24:32 - By : Palak Yadav

वाराणसी की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। शासन ने काशी के 10 प्राचीन और प्रमुख मंदिरों के संरक्षण और जीर्णोद्धार के लिए 17.50 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। बजट की मंजूरी के साथ ही पर्यटन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वह शीघ्र एजेंसी का चयन करे और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कराए ताकि जीर्णोद्धार का कार्य बिना देरी के शुरू हो सके। अधिकारियों को यह भी स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि कार्य की योजना बनाते समय मंदिरों की प्राचीनता और धार्मिक महत्व को पूरी तरह सुरक्षित रखा जाए।

शासन ने कहा है कि डीपीआर तैयार करते समय स्थानीय जनप्रतिनिधियों और क्षेत्र के लोगों से सुझाव अवश्य लिए जाएं ताकि जीर्णोद्धार कार्य का सीधा लाभ श्रद्धालुओं को मिल सके। मंदिरों तक पहुंचने वाले मार्गों और आसपास की व्यवस्थाओं पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया है। यदि किसी मंदिर तक जाने वाली सड़क खराब स्थिति में है तो उसे भी दुरुस्त कराया जाएगा ताकि दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। प्रशासन का मानना है कि बेहतर सुविधाओं से श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी और धार्मिक पर्यटन को नया प्रोत्साहन मिलेगा।

पर्यटन विभाग को यह भी निर्देशित किया गया है कि जीर्णोद्धार के बाद इन प्रमुख मंदिरों को पर्यटन मानचित्र और गाइड बुक में शामिल किया जाए। पर्यटन गाइडों को इन मंदिरों के इतिहास और धार्मिक महत्व की जानकारी दी जाएगी ताकि वे देश और विदेश से आने वाले पर्यटकों को यहां तक आकर्षित कर सकें। काशी में पहले से चल रही पर्यटन योजनाओं के साथ इन मंदिरों का जुड़ाव होने से शहर के आसपास के क्षेत्रों में भी पर्यटक गतिविधियां बढ़ेंगी।

पर्यटन के बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। प्रशासन का मानना है कि पर्यटक गांवों में स्थित मंदिरों में दर्शन के साथ वहीं ठहराव करेंगे और बेड एंड ब्रेकफास्ट स्टे होम जैसी व्यवस्थाओं का लाभ लेंगे। इससे स्थानीय लोगों को आय के नए साधन मिलेंगे और काशी की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को वैश्विक पहचान मिलेगी। विशेष रूप से विदेशी पर्यटक भारतीय संस्कृति खेती और परंपराओं को करीब से देखने के इच्छुक रहते हैं और यह योजना उनकी रुचि को और बढ़ाने में मददगार साबित होगी।

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