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वाराणसी: डाफी में मारपीट मामले पर पीड़ित ने पुलिस पर लगाए निष्पक्षता के आरोप

वाराणसी: डाफी में मारपीट मामले पर पीड़ित ने पुलिस पर लगाए निष्पक्षता के आरोप

डाफी मारपीट केस में राकेश यादव ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई व अनदेखी का आरोप लगाया, प्रेस वार्ता में जताई नाराजगी।

वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र के डाफी इलाके में हुई मारपीट की घटना अब पुलिस की कार्रवाई को लेकर विवाद का रूप लेती जा रही है। इस मामले में खुद को पीड़ित बता रहे राकेश यादव ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उनके साथ बेरहमी से मारपीट की गई लेकिन शिकायत करने के बावजूद उन्हें न्याय नहीं मिला। राकेश यादव का आरोप है कि पुलिस ने मामले में निष्पक्षता बरतने के बजाय एकतरफा कार्रवाई करते हुए उलटे उनके ही खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया जिससे वे मानसिक और सामाजिक रूप से आहत हैं।

राकेश यादव ने बताया कि कुछ दिन पहले दो से चार लोगों ने मिलकर उनके साथ मारपीट की। उन्होंने कहा कि यह हमला सुनियोजित था और हमलावरों ने उन्हें गंभीर रूप से घायल किया। पीड़ित का दावा है कि इस पूरी घटना का वीडियो उनके पास मौजूद है जिसमें मारपीट की पूरी वारदात साफ तौर पर देखी जा सकती है। इसके बावजूद पुलिस ने इस साक्ष्य को गंभीरता से नहीं लिया। राकेश यादव का कहना है कि वीडियो सबूत होने के बाद भी पुलिस की निष्क्रियता समझ से परे है और इससे उन्हें यह महसूस हो रहा है कि उनकी आवाज को जानबूझकर दबाया जा रहा है।

पीड़ित ने आरोप लगाया कि घटना के तुरंत बाद वह लंका थाने पहुंचे और अपनी शिकायत दर्ज कराने का प्रयास किया लेकिन वहां उनकी सुनवाई नहीं हुई। उनका कहना है कि पुलिस ने उनकी तहरीर लेने में टालमटोल की और बाद में विपक्षी पक्ष की प्राथमिकी को प्राथमिकता के आधार पर दर्ज कर लिया। राकेश यादव ने कहा कि वे खुद घायल अवस्था में थाने पहुंचे थे फिर भी उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया गया। उनका आरोप है कि पुलिस ने बिना निष्पक्ष जांच किए ही उन्हें आरोपी के रूप में दर्ज कर लिया जिससे पूरा मामला संदिग्ध प्रतीत होता है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राकेश यादव ने कहा कि इस घटना के बाद से वह और उनका परिवार लगातार तनाव में है। उन्होंने बताया कि पुलिस कार्रवाई के तरीके से वे मानसिक रूप से टूट चुके हैं और उन्हें अपनी सुरक्षा को लेकर भी चिंता सता रही है। उनका कहना है कि जब पीड़ित होने के बावजूद उनके खिलाफ ही मुकदमा दर्ज किया जाता है तो आम आदमी का कानून व्यवस्था से भरोसा डगमगाने लगता है।

पीड़ित ने प्रशासन से मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच कराई जाए और मारपीट में शामिल दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि स्थानीय स्तर पर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे उच्च पुलिस अधिकारियों और जरूरत पड़ने पर न्यायालय की शरण लेंगे। राकेश यादव ने चेतावनी दी कि न्याय के लिए वह हर कानूनी रास्ता अपनाएंगे। मामले को लेकर स्थानीय लोगों में भी चर्चा तेज है और अब सबकी निगाहें पुलिस प्रशासन के अगले कदम पर टिकी हुई हैं।

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