वाराणसी: हरहुआ ग्राम सभा में कूड़ा गाड़ी बंद, ग्रामीणों के लिए संक्रमण का खतरा

वाराणसी के हरहुआ ग्राम सभा में महीनों से कूड़ा गाड़ी बंद होने से हर मोहल्ले में कचरे का ढेर लगा है, जिससे ग्रामीणों में संक्रमण का खतरा बढ़ा है।

Mon, 01 Dec 2025 14:30:22 - By : Palak Yadav

वाराणसी के हरहुआ ग्राम सभा में स्वच्छता व्यवस्था पूरी तरह अस्तव्यस्त हो गई है। कई महीनों से कूड़ा गाड़ी बंद पड़ी है जिसके चलते गांव के मोहल्लों से लेकर मुख्य सड़क किनारों तक कचरे के ढेर जमा हो गए हैं। इन कचरे के अंबारों से उठने वाली बदबू और संक्रमण का खतरा ग्रामीणों के लिए गंभीर समस्या बन चुका है। घरों के आसपास जमा सड़ी गली सामग्री और खुले में बिखरा कचरा गर्मी और नमी में तेजी से सड़ रहा है जिससे मच्छर और कीड़े मकोड़े फैलने लगे हैं और गांव में संक्रामक बीमारियों की आशंका लगातार बढ़ रही है।

ग्रामीण जफर हाश्मी, मोनू खान, मेराज अहमद, गोपाल जायसवाल, राहुल केशरी और अरशद खान ने बताया कि वर्षों पहले ब्लॉक द्वारा ग्राम प्रधान को गांव की सफाई व्यवस्था के लिए कूड़ा गाड़ी उपलब्ध कराई गई थी। उद्देश्य था कि गांव से नियमित रूप से कचरा उठे, सड़कों और मोहल्लों में साफ सफाई बनी रहे और लोगों को बीमारियों से राहत मिले। लेकिन ग्राम प्रधान की गंभीर लापरवाही के कारण यह गाड़ी उनके घर के बाहर ही खड़ी रहती है और इसका उपयोग महीनों से बंद है। ग्रामीणों का कहना है कि गाड़ी बंद होने के कारण सफाईकर्मी भी कचरा उठाने नहीं आते जिससे हर मोहल्ले में कचरे के ढेर लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

लाखों की लागत से बना कूड़ा घर भी बदहाल हो चुका है। कचरे को अलग अलग रखने के लिए बनाई गई दीवारें टूट चुकी हैं, फर्श उखड़ गया है और पूरे भवन का ढांचा जर्जर हो गया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कूड़ा घर बनने के बाद से आज तक किसी भी घर का कचरा यहां नहीं पहुंचाया गया। निर्माण के समय ही मानकों की अनदेखी की गई थी और अब यह भवन किसी भी समय ढह सकता है। ऐसे में कूड़ा घर होने के बावजूद अब गांव के लोग अपने घरों के पास ही कचरा फेंकने को मजबूर हैं जिससे स्थिति और खराब हो रही है।

करीब तीन महीने पहले खंड विकास अधिकारी बद्री प्रसाद वर्मा से इस व्यवस्था के बारे में पूछा गया था। उन्होंने तब स्पष्ट कहा था कि जल्द ही कूड़ा गाड़ी चलवाई जाएगी और गांव की साफ सफाई का काम फिर से शुरू कराया जाएगा। लेकिन इतने समय के बाद भी न तो चालक की नियुक्ति हुई और न ही कूड़ा उठान का काम बहाल हो पाया। सोमवार को दोबारा संपर्क किए जाने पर बीडीओ बद्री प्रसाद वर्मा ने बताया कि वे अवकाश पर हैं। उन्होंने कहा कि वे एडीओ पंचायत से बात करेंगे और कूड़ा गाड़ी को शुरू कराने का प्रयास करेंगे। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि ग्राम प्रधान द्वारा सहयोग न मिलने के कारण स्वच्छता कार्य पूरी तरह बंद पड़ा है।

ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो गांव की स्थिति और गंभीर हो जाएगी। लगातार बढ़ता कचरा, खराब सफाई व्यवस्था और प्रशासन की उदासीनता से लोगों का धैर्य टूट रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई करने और स्वच्छता व्यवस्था को फिर से चालू करने की मांग की है ताकि गांव में बीमारियां फैलने से रोकी जा सकें और रहने योग्य वातावरण बहाल हो सके।

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