Thu, 25 Sep 2025 12:13:46 - By : Shriti Chatterjee
वाराणसी जिले में स्वास्थ्य विभाग ने बिना पंजीकरण चल रहे आठ अस्पतालों को सील कर दिया है। यह कार्रवाई जिले में अवैध रूप से संचालित हो रहे अस्पतालों और क्लीनिकों के खिलाफ की गई। कार्रवाई के दौरान भर्ती मरीजों को एंबुलेंस की मदद से अन्य सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में भेजा गया।
स्वास्थ्य विभाग ने जिले भर के सभी अस्पतालों, नर्सिंग होम और क्लीनिकों की अलग से सूची तैयार कर उनकी पंजीकरण स्थिति का निरीक्षण किया। बृहस्पतिवार को बड़ागांव और रोहनिया इलाके में पुलिस के साथ स्वास्थ्य टीम ने इन आठ अवैध अस्पतालों को बंद किया।
जिले में शहर और गांवों में लगभग 1500 अस्पताल, नर्सिंग होम और क्लीनिक संचालित हैं, जबकि केवल 830 ही सीएमओ कार्यालय में पंजीकृत हैं। निरीक्षण में पाया गया कि कई जगह दो शटर में क्लीनिक संचालित हो रहे हैं और कई स्थानों पर निजी घरों को अस्पताल में बदल दिया गया है। बुधवार को बड़ागांव इलाके में पीएचसी बड़ागांव प्रभारी डॉ शेर मोहम्मद के निर्देशन में चार क्लीनिक बंद कराए गए। इन सभी क्लीनिकों का पंजीकरण नहीं था। डॉ शेर मोहम्मद ने बताया कि सीएमओ कार्यालय की ओर से पंजीकरण नवीनीकरण इसलिए नहीं हो सका क्योंकि ये अस्पताल मानक पूरे नहीं कर पाए।
रोहनिया इलाके के काशी विद्यापीठ ब्लॉक में भी सीएचसी मिसिरपुर के अधीक्षक डॉ रामबली सिंह पुलिस टीम के साथ पहुंचे और बिना पंजीकरण चल रहे अस्पतालों और क्लीनिकों को बंद कराया। अधिकारियों ने चेतावनी दी कि दोबारा संचालन पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जब टीम ने अस्पतालों का निरीक्षण किया तो कुछ जगहों पर गर्भवती महिलाएं भर्ती थीं और कुछ जगह नवजात बच्चों का इलाज चल रहा था। टीम ने सभी भर्ती मरीजों को सुरक्षित तरीके से एंबुलेंस के माध्यम से सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में स्थानांतरित किया।
सील किए गए अस्पतालों में शामिल हैं डोलडम मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल अवलेशपुर, वान्या हॉस्पिटल चितईपुर, पूजा मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल अखरी, सर्वोदय हॉस्पिटल अखरी बाईपास, आर्यन फ्रैक्चर क्लीनिक बाबतपुर, हेरिटेज एजुकेशनल एंड इंवायरमेंटल वेलफेयर बाबतपुर एयरपोर्ट, पूनम हॉस्पिटल बसनी और न्यू शांति हॉस्पिटल एंड सर्जिकल सेंटर सिसवां बाबतपुर।
सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि जिले में संचालित सभी अस्पतालों, क्लीनिक और नर्सिंग होम को पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करनी होती है। संबंधित पोर्टल पर आवेदन के बाद सीएमओ कार्यालय की टीम भौतिक सत्यापन करती है। जिन अस्पतालों और क्लीनिकों को बंद कराया गया, वे मानक पर खरे नहीं उतरे। आने वाले दिनों में और भी ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी।