Sat, 01 Nov 2025 20:29:04 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: राजातालाब/प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में प्रशासन की नाक के नीचे एक संगठित अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। राजातालाब थाना क्षेत्र में हाईवे किनारे लक्जरी वाहनों और मालवाहक ट्रकों को खुलेआम गैस कटर से काटकर कबाड़ में तब्दील किया जा रहा है। यह पूरा नेटवर्क इतनी तेजी और सफाई से काम कर रहा है कि देखते ही देखते लाखों की कीमत वाली गाड़ियां लोहे के टुकड़ों में बदल जाती हैं।
एचडीएफसी बैंक राजातालाब से लेकर राजातालाब-मिर्जामुराद बॉर्डर तक फैले इस क्षेत्र में अनाधिकृत कबाड़ की दुकानें लगातार बढ़ती जा रही हैं। इन दुकानों पर दिन-रात गाड़ियों को तोड़ने-काटने का काम जारी है। हैरानी की बात यह है कि इन वाहनों को काटने के लिए किसी भी प्रकार की आरटीओ अनुमति या एनओसी नहीं ली जाती, जिससे यह पूरा धंधा अवैध श्रेणी में आता है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, रोजाना 10 से 20 पुराने वाहन यहां लाए जाते हैं और कुछ ही घंटों में गैस कटर से काटकर कबाड़ में बदल दिए जाते हैं। इन गाड़ियों के अवशेष और इंजन पार्ट्स को जलाकर नष्ट करने की प्रक्रिया के दौरान आसपास के इलाकों में जहरीला धुआं फैलता है, जिससे वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। आसपास के निवासियों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की, परंतु अब तक किसी ठोस कार्रवाई का नामोनिशान नहीं है।
पुलिस बनी मूकदर्शक, उठे सवाल
राजातालाब थाना क्षेत्र में तैनात पुलिस की भूमिका को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। बताया जा रहा है कि थाना प्रभारी निरीक्षक दयाराम के कार्यकाल में किसी भी कबाड़ की दुकान पर अब तक कोई छापेमारी नहीं की गई। जबकि यह क्षेत्र पुलिस चौकी और राजातालाब थाने के बेहद नजदीक है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस सबकुछ जानते हुए भी “अनदेखी” कर रही है, जिससे अवैध कारोबारियों के हौसले बुलंद हैं।
यह पहली बार नहीं है जब राजातालाब का नाम वाहन चोरी और अवैध कबाड़ कारोबार में सामने आया हो। लगभग सात से आठ माह पहले डीसीपी गोमती जोन आकाश पटेल ने इसी क्षेत्र की एक कबाड़ दुकान पर छापेमारी की थी, जिसमें आठ चोरी के वाहन इंजन बरामद हुए थे। उस समय राजातालाब पुलिस ने एक आरोपी को जेल भेजा था और कार्रवाई की सराहना भी हुई थी। लेकिन उसके बाद से अब तक प्रशासन की सक्रियता गायब है, और अवैध गतिविधियाँ फिर उसी रफ्तार से शुरू हो गई हैं।
चोरी के वाहन और अपराधियों का ठिकाना बन रहा कबाड़ बाजार
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, इस तरह की कबाड़ की दुकानें अपराधियों और वाहन चोर गिरोहों के लिए बेहद लाभदायक होती हैं। चोरी की गाड़ियों को कुछ ही घंटों में काटकर इनके पार्ट्स को अलग-अलग कबाड़ी बाजारों में बेच दिया जाता है। इससे न केवल वाहन की पहचान मिट जाती है, बल्कि सबूत भी नष्ट हो जाते हैं। इस नेटवर्क में कई राज्यों से गाड़ियाँ लाकर काटी जाती हैं। जिनमें दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश और झारखंड तक के वाहन शामिल हैं।
पर्यावरण को भी गंभीर खतरा
गाड़ियों को काटने के बाद उनके प्लास्टिक, टायर, सीट और केमिकल पार्ट्स को खुले में जलाया जाता है। इससे आसपास के गांवों में धुएं और दुर्गंध की समस्या उत्पन्न हो गई है। किसान और स्थानीय निवासी इस कारण फसल और पशुओं के स्वास्थ्य पर पड़ रहे प्रभाव को लेकर चिंतित हैं। फिर भी न तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कोई संज्ञान लिया है और न ही नगर निगम की ओर से निरीक्षण हुआ है।
उच्चाधिकारियों से जांच की मांग
स्थानीय नागरिकों ने पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल और डीसीपी आकाश पटेल से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों का कहना है कि राजातालाब क्षेत्र में यह कबाड़ कारोबार पुलिस की मौन स्वीकृति से चल रहा है, अन्यथा इतनी बड़ी संख्या में गाड़ियाँ प्रतिदिन काटना संभव नहीं।
राजातालाब में इस अवैध कारोबार ने कानून व्यवस्था और पर्यावरण दोनों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। अब देखना यह होगा कि पुलिस आयुक्तालय की टीम इस मामले में कब जागती है और क्या वाकई में उन ताकतों पर शिकंजा कस पाती है, जो कानून को ताक पर रखकर लक्जरी वाहनों को कबाड़ में बदलने का गोरखधंधा चला रहे हैं।