Sat, 01 Nov 2025 13:28:25 - By : Palak Yadav
वाराणसी जिला कारागार में बंदियों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए प्रशासन ने नई व्यवस्था लागू की है। अब मुलाकातियों द्वारा लाए गए सामान को सीधे बंदियों तक पहुंचाने के बजाय टोकन सिस्टम के माध्यम से भेजा जाएगा। इसके लिए जेल प्रशासन ने 150 विशेष झोले और समान संख्या में टोकन तैयार कराए हैं। यह कदम वर्ष 2024 में हुई उस गंभीर घटना के बाद उठाया गया है, जब एक महिला के बैग से कारतूस बरामद हुआ था।
नई व्यवस्था के तहत मुलाकाती जब अपने परिजनों के लिए सामान लाएंगे, तो उस सामान को जेल के निर्धारित झोले में रखा जाएगा। हर झोले पर एक विशेष नंबर अंकित होगा और उसी नंबर का टोकन मुलाकाती को दिया जाएगा। बाद में जब सामान बंदी तक पहुंचेगा, तो वह वही टोकन दिखाकर अपना सामान प्राप्त करेगा। यह व्यवस्था न केवल जेल के अंदर पारदर्शिता बढ़ाएगी, बल्कि हथियार, नशीले पदार्थ या अन्य प्रतिबंधित वस्तुएं जेल में पहुंचने की संभावनाओं को भी समाप्त करेगी।
जेल प्रशासन के अनुसार, पहले मुलाकात के दौरान झोले और बैगों में सामान की जांच के बाद सीधे बंदियों को दिया जाता था। इस प्रक्रिया में कई बार सुरक्षा जांच के बावजूद संदिग्ध वस्तुएं अंदर पहुंचने का खतरा बना रहता था। अब इस नई प्रणाली से हर झोले और टोकन का रिकॉर्ड जेल प्रशासन के पास रहेगा, जिससे जवाबदेही सुनिश्चित होगी और किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना नहीं रहेगी।
इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य जेल सुरक्षा को और बेहतर बनाना तथा चेकिंग प्रक्रिया को व्यवस्थित करना है। जेल सुपरिटेंडेंट सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि नई व्यवस्था से समय की बचत होगी और मैन पावर का उपयोग अधिक प्रभावी तरीके से किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि मुलाकातियों के लिए बनाए गए विशेष झोले में रखा गया सामान उसी दिन विधिवत जांच के बाद संबंधित बंदियों तक पहुंचाया जाएगा। बंदी अपने झोले की पहचान टोकन नंबर से कर सकेंगे।
गौरतलब है कि 18 अगस्त 2024 को वाराणसी जिला जेल में एक महिला अपने पति से मिलने आई थी। उसकी तलाशी के दौरान बैग में कारतूस मिला था। घटना के तुरंत बाद जेल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी और लालपुर पांडेयपुर थाने की पुलिस ने महिला को हिरासत में ले लिया था। जांच में पता चला कि यह मामला जेल सुरक्षा में गंभीर लापरवाही से जुड़ा हुआ था, जिसके बाद प्रशासन ने मुलाकातियों की जांच प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता महसूस की।
अब लागू की गई इस प्रणाली से जेल परिसर में किसी भी प्रकार के प्रतिबंधित या खतरनाक वस्तु के प्रवेश पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जा सकेगी। इसके साथ ही बंदियों की सुरक्षा और जेल प्रशासन की पारदर्शिता दोनों को सशक्त आधार मिलेगा।