Fri, 19 Sep 2025 21:31:51 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: दरोगा की पिटाई के बाद शुरू हुआ वकील-पुलिस विवाद अब अदालत की चौखट तक पहुँच गया है। तनावपूर्ण माहौल के बीच वकीलों और पुलिस अधिकारियों के बीच सुलह की सभी कोशिशें नाकाम रही हैं। ताज़ा घटनाक्रम में अधिवक्ताओं ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) की अदालत में वरुणा जोन की एडीसीपी नीतू कादयान, एसीपी क्राइम विदुष सक्सेना, एसीपी कैंट नितिन तनेजा, थाना प्रभारी कैंट शिवाकांत मिश्र समेत 50 अज्ञात दरोगाओं और 50 अज्ञात सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अपील की है।
वकीलों का आरोप है कि 16 सितंबर 2025 की शाम कैंट थाना परिसर और कचहरी गेट नंबर दो पर पुलिस अधिकारियों और सिपाहियों ने अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों के साथ न केवल मारपीट की, बल्कि अभद्र और अमर्यादित भाषा का प्रयोग भी किया। अधिवक्ता राघवेंद्र नारायण दुबे ने बीएनएसएस की धारा 173(4) के तहत कोर्ट में बयान दिया कि पुलिस अधिकारियों ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं पर लाठियां बरसाईं और गालियां दीं।
याचिका में दावा किया गया है कि पुलिस अधिकारियों ने गेट का ताला बंद कर वकीलों को अंदर फंसा लिया और करीब 40 मिनट तक तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। इस दौरान एडीसीपी नीतू कादयान, एसीपी नितिन तनेजा, विदुष सक्सेना और कैंट थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्र मौके पर मौजूद थे। आरोप है कि इनके साथ बड़ी संख्या में दरोगा और सिपाही भी थे, जिन्होंने वकीलों और जजों को अपमानित किया।
अधिवक्ताओं ने बताया कि 17 सितंबर को पुलिस कमिश्नर को लिखित शिकायत दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने अदालत की शरण ली। वकीलों का कहना है कि पुलिस निर्दोष अधिवक्ताओं को झूठे मामलों में फंसाकर गिरफ्तारी का दबाव बना रही है।
अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि जब अधिवक्ता पुलिस कार्यालय पहुँचे तो वहां उनके साथ हूटिंग और दुर्व्यवहार किया गया। उन्होंने इसे पुलिस का असंयमित आचरण करार देते हुए कहा कि यह केवल अधिवक्ताओं की गरिमा पर हमला नहीं है, बल्कि न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को भी गहरी चोट पहुँचाता है।
वकीलों ने अदालत में कई वीडियो साक्ष्य भी प्रस्तुत किए हैं। इनमें एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें एडीसीपी नीतू कादयान एक अधिवक्ता से नोकझोंक करती हुई दिख रही हैं। वीडियो में वह कहती सुनाई देती हैं,"आपने ही बोला था न कि गर्मी शांत कर देंगे, किसकी गर्मी शांत करोगे?" इस बयान ने विवाद को और उग्र बना दिया है।
वायरल वीडियो के बाद अधिवक्ताओं का आक्रोश और बढ़ गया। उनका कहना है कि पुलिस अधिकारी खुलेआम धमकी भरे अंदाज में वकीलों का अपमान कर रहे हैं।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 20 सितंबर 2025 की तारीख तय की है। इस सुनवाई को लेकर अधिवक्ता वर्ग और पुलिस महकमे, दोनों में हलचल तेज हो गई है। अधिवक्ता संगठन अदालत में बड़े पैमाने पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं पुलिस प्रशासन ने इस पूरे विवाद पर अभी आधिकारिक बयान देने से परहेज किया है।
दरोगा की पिटाई से शुरू हुआ विवाद अब गंभीर कानूनी जंग में बदल चुका है। एक ओर पुलिस ने 70 वकीलों पर मुकदमा दर्ज किया है, वहीं दूसरी ओर अधिवक्ताओं ने कई शीर्ष पुलिस अधिकारियों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। हालात इस कदर बिगड़े हैं कि अदालत परिसर और पुलिस दफ्तरों में असामान्य तनाव का माहौल बना हुआ है।