वाराणसी: एडीसीपी नीतू कादयान को हटाने की मांग पर, वकीलों ने किया प्रदर्शन

वाराणसी में लेडी आईपीएस अधिकारी नीतू कादयान के खिलाफ वकीलों ने किया जोरदार प्रदर्शन, हटाने की मांग को लेकर घेरा दफ्तर

Sun, 21 Sep 2025 11:58:39 - By : Shriti Chatterjee

वाराणसी: लेडी आईपीएस अधिकारी नीतू कादयान को हटाने की मांग को लेकर वाराणसी में शनिवार को सैकड़ों वकील सड़क पर उतर आए। करीब 700 अधिवक्ताओं ने पुलिस कमिश्नर और डीएम ऑफिस का घेराव किया। इस दौरान पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की गई और मुर्दाबाद के स्वर गूंजे। वकीलों ने मौके पर मौजूद पुलिस बल को भी खुली चुनौती दी। हालात को देखते हुए पुलिस कमिश्नर ऑफिस के बाहर बड़ी संख्या में फोर्स तैनात करनी पड़ी। दबाव के चलते पुलिस कमिश्नर और डीएम समेत कई वरिष्ठ अधिकारी अपने दफ्तर नहीं पहुंचे।

वकीलों का आरोप है कि एडीसीपी वरुणा नीतू कादयान ने हाल ही में उनके साथ बदसलूकी की थी। इस घटना के बाद वकीलों ने पुलिस अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने सीजेएम कोर्ट में याचिका दाखिल कर एडीसीपी नीतू कादयान, एसीपी क्राइम विदुष सक्सेना, एसीपी कैंट नितिन तनेजा, कैंट थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्र समेत पचास अज्ञात दरोगाओं और पचास अज्ञात सिपाहियों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई है। कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होनी है।

पूरा विवाद बड़ागांव थाना क्षेत्र के पुआरी खुर्द गांव के जमीन विवाद से जुड़ा है। मोहित सिंह और प्रेमचंद्र मौर्या के बीच आराजी संख्या 125 और 126 को लेकर तनाव बढ़ा। 28 जून को इसी मामले में दो मुकदमे दर्ज हुए थे। 13 सितंबर को समाधान दिवस पर जब पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की तो कहासुनी और धक्का-मुक्की हो गई। पुलिस ने शांति भंग की धाराओं में दोनों पक्षों का चालान कर दिया। आरोप है कि इसी दौरान एक दरोगा और वकील के बीच मारपीट हो गई।

स्थिति तब और बिगड़ी जब 16 सितंबर को दरोगा मिथिलेश प्रजापति और एक सिपाही कचहरी में रिमांड पर्चा लेने पहुंचे। वहां मौजूद वकीलों ने दरोगा को घेरकर पीट दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की सूचना मिलते ही डीएम सत्येंद्र कुमार, डीआईजी शिवहरि मीणा, एडीसीपी नीतू कादयान और छह थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। इस बीच वकीलों का आरोप है कि एडीसीपी ने उनके साथ अभद्रता की और कैंट थाना प्रभारी ने गेट बंद कर वकीलों पर लाठीचार्ज और पथराव कराया।

वकीलों की मांग है कि दोषी अफसरों पर तत्काल एफआईआर दर्ज हो। मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। समाजवादी पार्टी के एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर संबंधित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की भी बात कही है। वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की और कहा कि काशी उनका परिवार है और वे अपने परिवारजनों के लिए खड़े हैं।

फिलहाल, वाराणसी में वकीलों और पुलिस के बीच टकराव गहराता जा रहा है। वकीलों के विरोध और प्रशासन की सख्ती के बीच शहर का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।

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