Sun, 27 Jul 2025 16:28:37 - By : Sayed Nayyar
वाराणसी: रामनगर/शहर के ऐतिहासिक और आस्था से जुड़े रामनगर स्थित प्रसिद्ध मनसा माता मंदिर के चारों ओर अतिक्रमण की समस्या दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। मंदिर मार्ग से लेकर मुख्य द्वार तक सब्जी विक्रेताओं, ठेलेवालों और खोमचे वालों ने जिस तरह कब्जा जमा रखा है, उससे न सिर्फ श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है, बल्कि राहगीरों को भी आए दिन अपमानजनक स्थिति से गुजरना पड़ता है।
शाम के समय जब मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है, तब यह अतिक्रमण और भी भारी महसूस होता है। किला से लेकर चौराहे तक सड़क पूरी तरह से ठेलों और अस्थायी दुकानों से पट जाती है। मंदिर के मुख्य गेट तक ठेले लगाए जाते हैं, जिससे दर्शन के लिए आए लोगों को जूझना पड़ता है। कई बार किसी राहगीर द्वारा थोड़ा रास्ता देने की विनती पर भी विवाद खड़ा हो जाता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि ऐसी झड़पें रोजमर्रा की बात हो चुकी हैं।
नगर निगम की प्रवर्तन टीम द्वारा अतिक्रमण हटाने के दावों के बावजूद जमीन पर कोई ठोस बदलाव नहीं दिखता। सबसे हैरानी की बात यह है कि यह पूरा अतिक्रमण स्थल पुलिस पिकेट से महज कुछ कदम की दूरी पर है और रामनगर थाना भी करीब ही स्थित है। इसके बावजूद कानून-व्यवस्था की मौजूदगी महज दिखावे की प्रतीत होती है। सवाल उठता है कि आखिरकार पुलिस और प्रशासन इस समस्या की अनदेखी क्यों कर रहा है? क्या यह प्रशासनिक लापरवाही है या फिर कहीं न कहीं अंदरूनी मिलीभगत?
एक महिला श्रद्धालु ने बताया कि उनका प्रतिदिन मंदिर दर्शन करने का नियम है, लेकिन एक दिन भारी भीड़ और ठेलों की वजह से वे फिसलकर गिर गईं। “मेरे गिरने के बाद भी किसी ने अपना ठेला नहीं हटाया, उल्टा ताने सुनने पड़े,” उन्होंने गुस्से में कहा।
मंदिर के पुजारी पंडित जी ने बताया कि उन्होंने कई बार अतिक्रमणकारियों को समझाने की कोशिश की है, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। “हमने हाथ जोड़कर विनती की, कि मां के मंदिर के सामने से ठेले हटा लो, लेकिन ये लोग झगड़े पर उतारू हो जाते हैं,” उन्होंने नाराजगी जाहिर की।
स्थानीय निवासी विपिन सिंह का कहना है, कि यह अतिक्रमण अब महज सड़क तक सीमित न रहकर एक सुनियोजित षड्यंत्र की शक्ल लेता जा रहा है। कुछ लोग मानते हैं कि यह मंदिर को केंद्र बनाकर किया जा रहा एक प्रयास है जिससे मंदिर की गरिमा को कम किया जा सके।
श्रावण मास में जब श्रद्धालुओं की संख्या में कई गुना इजाफा होता है, तब यह समस्या और अधिक विकराल हो जाती है। ऐसे में रामनगर की जनता ने जिला प्रशासन, नगर निगम और जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लें और मंदिर के चारों ओर से अतिक्रमण को हटवाकर श्रद्धालुओं को सुगम मार्ग प्रदान करें।
मनसा माता मंदिर न सिर्फ धार्मिक स्थल है बल्कि रामनगर की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक भी है। इसे अतिक्रमण के हवाले छोड़ देना न सिर्फ प्रशासनिक विफलता है, बल्कि एक संवेदनशील धार्मिक स्थल के प्रति असम्मान भी है। जनता अब ठोस कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रही है।