वाराणसी में गंगा पर मोटर बोट संचालन को लेकर हुई अहम बैठक, सुरक्षा और नियमों पर लिया गया बड़ा निर्णय

वाराणसी में गंगा मोटर बोटों के सुरक्षित संचालन हेतु बैठक हुई, इंजनों की नियमित सर्विसिंग व मोबी ऑयल जांच के साथ सुबह 6 से शाम 5 बजे तक संचालन के नियम तय किए गए।

Mon, 22 Sep 2025 09:35:43 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: गंगा नदी पर चलने वाली मोटर बोटों की सुरक्षा और संचालन व्यवस्था को लेकर रविवार को जल पुलिस परिसर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में एसीपी जल पुलिस, प्रभारी निरीक्षक जल पुलिस के साथ-साथ माझी समाज के अध्यक्ष, मोटर बोट मालिकों, मां गंगा निषाद राज सेवा न्यास संगठन के मंत्री और भाजपा महानगर निषाद समाज के सहसंयोजक सहित कई सामाजिक प्रतिनिधि और गणमान्य लोग मौजूद रहे। बैठक का संचालन वरिष्ठ समाजसेवी शंभू निषाद के नेतृत्व में किया गया।

बैठक का मुख्य उद्देश्य वाराणसी के घाटों पर मोटर बोट संचालन को अधिक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और पर्यावरण के अनुकूल बनाना था। हाल के दिनों में गंगा नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव और सुरक्षा को लेकर चिंताओं को देखते हुए यह कदम उठाया गया। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा और उल्लंघन करने वालों पर कार्यवाही भी होगी।

बैठक में तय किया गया कि अब सभी मोटर बोट मालिकों को अपनी-अपनी नावों के इंजनों की नियमित सर्विसिंग करानी होगी। साथ ही मोबी ऑयल की जांच कराना भी आवश्यक होगा। बिना तकनीकी निरीक्षण के कोई भी नाव नदी में नहीं उतरेगी। यह व्यवस्था न केवल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी बल्कि बोट संचालन को भी अधिक भरोसेमंद बनाएगी।

निर्धारित नियमों के अनुसार, अब मोटर बोट संचालन प्रतिदिन सुबह 6:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक ही किया जा सकेगा। इसके बाद अधिकतम शाम 5:30 बजे तक सभी नावों को निर्धारित घाटों पर खड़ा करना अनिवार्य होगा। अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि इस समयसीमा के बाद किसी भी हालत में नाव संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी।

सुरक्षा मानकों को और कड़ा करते हुए यह निर्णय लिया गया कि किसी भी नाव में अब उसकी अधिकतम क्षमता का केवल 50 प्रतिशत यात्री ही यात्रा कर सकेंगे। इससे नाव का संतुलन और आपात स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।

बैठक में यह भी तय हुआ कि नाव में बैठने वाले सभी यात्रियों के लिए लाइफ जैकेट पहनना अनिवार्य होगा। बोट मालिकों को पर्याप्त संख्या में सही स्थिति वाली जैकेट उपलब्ध करानी होगी। यदि कोई यात्री जैकेट नहीं पहनता है तो उसे नाव में बैठाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

नावों के चढ़ने और उतरने के स्थानों की स्वच्छता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी बोट मालिकों को दी गई है। घाटों पर गंदगी या अव्यवस्था मिलने पर संबंधित नाव मालिक के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि घाटों की साफ-सफाई गंगा की गरिमा और श्रद्धालुओं की सुविधा दोनों के लिए आवश्यक है।

बैठक में सबसे महत्वपूर्ण निर्णय गंगा आरती के दौरान नाव संचालन को रोकने का रहा। अधिकारियों ने कहा कि आरती के समय किसी भी नाव को संचालन की अनुमति नहीं होगी। यह प्रतिबंध अभी फिलहाल लागू रहेगा और 23 सितंबर 2025 से स्थिति की समीक्षा करने के बाद ही इसे दोबारा लागू करने पर विचार किया जाएगा। इसके लिए उच्च अधिकारियों से अनुमति आवश्यक होगी।

बैठक के अंत में सभी प्रतिनिधियों ने यह संकल्प लिया कि गंगा नदी पर नाव संचालन न केवल पर्यटन और आजीविका का साधन है, बल्कि यह गंगा की पवित्रता और सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ विषय है। इसलिए नियमों का पालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाएगा।

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