Thu, 04 Sep 2025 14:34:16 - By : Shriti Chatterjee
वाराणसी: नगर निगम ने दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन को पर्यावरण के अनुकूल और व्यवस्थित बनाने के लिए विशेष पहल शुरू की है। इस ‘ग्रीन प्लान’ के तहत शहर के ऐतिहासिक कुंडों और तालाबों में विसर्जन की बजाय अस्थायी तालाब बनाए जा रहे हैं। शंकुलधारा कुंड के पास पहला अस्थायी तालाब तैयार हो चुका है, जहां विसर्जन कराया जाएगा।नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने 28 अगस्त को नागरिकों से अपील की थी कि वे पर्यावरण संरक्षण और काशी की धरोहर को बचाने में सहयोग करें। उन्होंने लोगों से उपयुक्त स्थलों के सुझाव मांगे थे। अब तक 9 नागरिकों ने अपने सुझाव भेजे हैं, जिनमें विद्यानंद शर्मा ने सगरा तालाब (माधोपुरा), इशान मेहरोत्रा ने नुआव पोखरा, उमेश मौर्या ने बेनियाबाग तालाब, मनीष गुप्ता ने मोती झील (महमूरगंज), सत्यम सिंह ने पश्चिम बंगाल की तर्ज पर क्रेन से गंगा में विसर्जन और पुनः निकालने की व्यवस्था, धर्मेंद्र सिंह टिंकू ने दुर्गाकुंड और कुरुक्षेत्र तालाब, अजय सिंह ने कमौली तालाब औरमहापौर अशोक कुमार तिवारी ने कहा कि काशी के प्राचीन कुंड सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर हैं। इनमें विसर्जन से गंदगी फैलने और जलीय जीवों को नुकसान होने का खतरा रहता है। इसलिए नागरिकों से अपील है कि विसर्जन इन्हीं धरोहरों में न करें, बल्कि वैकल्पिक स्थलों का प्रयोग करें।
हरीश शर्मा ने गंगा पार अस्थायी कुंड का सुझाव दिया है।नगर निगम ने नागरिकों, समितियों और जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया है कि वे अपने क्षेत्र में विसर्जन के लिए उपयुक्त स्थल का नाम, जीपीएस लोकेशन और फोटो साझा करें। इसके लिए व्हाट्सएप नंबर 8601872688 जारी किया गया है। ‘ग्रीन प्लान’ का उद्देश्य परंपरा और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाना है। निगम का मानना है कि इस पहल से न केवल जलाशयों का संरक्षण होगा, बल्कि काशी की धार्मिक परंपराएं भी सुरक्षित रहेंगी। नगर निगम ने नागरिकों से इस मुहिम को सफल बनाने में सहयोग की अपील की है।