Fri, 27 Jun 2025 13:45:58 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: नगर निगम की कार्यकारिणी में शुक्रवार को होने जा रहे छह सदस्यों के चुनाव ने राजनीतिक हलकों में खासा उत्साह और सरगर्मी पैदा कर दी है। इस चुनाव की विशेषता यह है कि देश के प्रधानमंत्री और काशी के सांसद नरेंद्र मोदी भी मतदाता के रूप में इसमें हिस्सा ले रहे हैं। उनके साथ ही चंदौली से सपा सांसद वीरेंद्र सिंह, राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर और अन्य प्रमुख जनप्रतिनिधि भी मतदान करेंगे।
नगर निगम की कार्यकारिणी में कुल 12 सदस्य होते हैं। इनमें से छह का कार्यकाल अब समाप्त हो चुका है, जिसके चलते यह चुनाव आयोजित किया गया है। वर्तमान कार्यकारिणी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नौ, समाजवादी पार्टी (सपा) के दो और कांग्रेस के एक सदस्य थे। भाजपा के पांच और कांग्रेस के एक सदस्य का कार्यकाल समाप्त हो गया है। अब इन खाली हुए छह पदों के लिए मतदान होना है।
चुनाव की प्रक्रिया के तहत टाउनहॉल स्थित नगर निगम के सदन में शुक्रवार सुबह सभी 100 पार्षद एकत्र हुए, जिसके बाद मेयर के पहुंचने पर सदन की कार्यवाही विधिवत रूप से प्रारंभ हुई। भाजपा की ओर से छह में से पांच सदस्यों के नाम का प्रस्ताव किया गया जिनमें अशोक मौर्या, प्रवीण राय, मदन मोहन तिवारी, सुशीला और माधुरी सिंह शामिल हैं। सभी का नामांकन समय पर विधिपूर्वक पूरा किया गया। दूसरी ओर समाजवादी पार्टी ने राजकपूर चौधरी और इरफान का नाम प्रस्तावित किया, हालांकि इरफान ने कुछ ही समय बाद अपना नामांकन वापस ले लिया। कांग्रेस की ओर से गुलशन अली ने चुनावी दावेदारी की।
नगर निगम चुनाव के लिए तैयार की गई मतदाता सूची में कुल 112 नाम दर्ज हैं, जिनमें 100 पार्षदों के अतिरिक्त 12 प्रमुख जनप्रतिनिधि शामिल हैं। इन 12 में दो सांसद- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सपा सांसद वीरेंद्र सिंह के अलावा पांच विधायक और पांच विधान परिषद सदस्य शामिल हैं। यह सभी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सा लेते हुए मतदान करेंगे।
विधानसभा सदस्यों की सूची में शिवपुर से विधायक और राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, वाराणसी उत्तरी से राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल, वाराणसी दक्षिणी से विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी, कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव, और रोहनिया विधायक डॉ. सुनील पटेल शामिल हैं। विधान परिषद सदस्यों में डॉ. दयाशंकर मिश्र 'दयालु', हंसराज विश्वकर्मा, धर्मेंद्र सिंह, स्नातक एमएलसी आशुतोष सिन्हा, और स्थानीय प्राधिकारी से एमएलसी अन्नपूर्णा सिंह अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। सभी को संबंधित दलों की ओर से निर्देशित पत्र भी भेजे जा चुके हैं।
चुनाव प्रक्रिया की निगरानी कर रहे अधिकारी ने बताया कि कार्यकारिणी चुनाव की प्रक्रिया में सबसे पहले नामांकन स्वीकार किए जाते हैं। यदि कुल सीटों से अधिक नामांकन होते हैं, तो मतदान कराया जाता है। इस बार सात नामांकन पत्र प्राप्त हुए, जिसमें एक नाम वापसी के बाद अब कुल छह उम्मीदवार मैदान में बचे हैं। ऐसे में मतदान की स्थिति बनती है। मतदान की प्रक्रिया गुप्त बैलेट के माध्यम से होती है, जिसमें सभी मतदाता अपने-अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को चुनते हैं। मतदान के तुरंत बाद मतगणना कर परिणाम घोषित किए जाएंगे।
यह चुनाव न केवल स्थानीय प्रशासनिक ढांचे को मजबूती देगा, बल्कि आगामी स्थानीय विकास नीतियों और वाराणसी के नगर निगम के भीतर राजनीतिक समीकरणों की दिशा भी तय करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे शीर्षस्थ नेता का इसमें वोटर होना इस चुनाव को विशेष बनाता है और लोकतंत्र की मजबूती का एक जीवंत उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।
नगर निगम की यह कार्यकारिणी शहर की विकास योजनाओं, बजट स्वीकृतियों, नीतिगत निर्णयों और विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की दिशा तय करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यही कारण है कि इस चुनाव पर न केवल पार्षद बल्कि राजनीतिक दलों की भी खास नजरें टिकी हुई हैं।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बहुमत के आंकड़े के आधार पर भाजपा अपने प्रत्याशियों को निर्वाचित कराने में सफल होती है या विपक्षी दल कोई बड़ा उलटफेर कर पाते हैं। परिणाम जो भी हों, यह चुनाव वाराणसी नगर निगम की राजनीतिक तस्वीर को नए आयाम देने वाला साबित होगा।