Tue, 28 Oct 2025 10:28:58 - By : Shriti Chatterjee
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को स्वच्छता सर्वेक्षण में देश के टॉप-5 शहरों में शामिल करने की दिशा में नगर निगम ने सख्त कदम उठाए हैं। इसके तहत शहर में स्वच्छता नियमावली-2021 लागू कर दी गई है। नई नियमावली में 32 प्रकार के उल्लंघनों के लिए जुर्माने का प्रावधान किया गया है। अब यदि कोई व्यक्ति वाहन से सड़क पर कूड़ा फेंकता है या थूकता है तो उसे 1000 रुपए तक का जुर्माना देना होगा।
नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि वाराणसी को राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रथम स्थान पर लाने के लिए सभी विभागों को नई व्यवस्था के तहत काम करने के निर्देश दिए गए हैं। पुरानी स्वच्छता नियमावली-2017 को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है और अब सभी जुर्माने की कार्रवाई धारा-46 के अंतर्गत एक समान बुक के जरिए की जाएगी।
पहले अलग-अलग विभागों द्वारा गंदगी, अतिक्रमण, अवैध विज्ञापन, रोड कटिंग, पानी या सीवर कनेक्शन जैसी गतिविधियों पर अलग-अलग जुर्माने वसूले जाते थे। अब सभी के लिए एकीकृत प्रणाली लागू कर दी गई है ताकि पारदर्शिता बनी रहे और कार्रवाई में एकरूपता रहे। नगर निगम ने साफ कर दिया है कि नियमों का बार-बार उल्लंघन करने वालों पर केवल जुर्माना ही नहीं बल्कि एफआईआर भी दर्ज की जाएगी।
नगर आयुक्त ने बताया कि सभी जोनल अधिकारियों, स्वास्थ्य निरीक्षकों, अभियंताओं और राजस्व निरीक्षकों को नई नियमावली की बुक दी गई है और तत्काल प्रभाव से कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
नई स्वच्छता नियमावली में न केवल सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर साफ-सफाई को लेकर सख्ती की गई है बल्कि जल स्रोतों और पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी कड़े नियम बनाए गए हैं। गंगा या अन्य जल स्रोतों में पूजा सामग्री डालना अब प्रतिबंधित है और ऐसा करने पर 750 रुपए का जुर्माना लगेगा।
इसी तरह खुले मैदान, पार्क या किसी भी सार्वजनिक स्थल पर गंदगी फैलाने पर 500 रुपए, धार्मिक स्थल या अस्पतालों के पास गंदगी करने पर 750 रुपए का जुर्माना देना होगा। जो व्यक्ति या संस्था अपने परिसर में 24 घंटे से अधिक समय तक कचरा जमा रखेगी, उसे भी 500 रुपए जुर्माना देना होगा।
वाहन से सफर करते समय या सड़क पर खड़े वाहन से कोई व्यक्ति कूड़ा फेंकता है या थूकता है, तो उसके चालक या वाहन स्वामी से 1000 रुपए वसूले जाएंगे। बिना ढके ट्रक या वाहन से कचरा ले जाने पर 2000 रुपए का जुर्माना तय किया गया है।
इसके अलावा, प्रतिबंधित प्लास्टिक और थर्माकोल के उत्पादन, बिक्री या भंडारण पर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम 2000 के तहत कार्रवाई की जाएगी। औद्योगिक क्षेत्रों में बिना ट्रीटमेंट के गंदा पानी सार्वजनिक नालों में डालने पर 5000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
नगर निगम ने पशुओं के मल, थूकने, पेशाब करने, कचरा जलाने, खाली प्लॉट में कूड़ा फेंकने, या खुले में जानवरों को खिलाने जैसी गतिविधियों पर भी दंड का प्रावधान किया है। पालतू जानवरों के खुले में मलत्याग करने की स्थिति में मालिक को 500 रुपए देना होगा और यदि वह उसका निस्तारण नहीं करता तो अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा।
निर्माण कार्यों से उत्पन्न मलबे को सड़कों, नालों या गंगा में डालने पर 3000 रुपए का जुर्माना तय किया गया है। इसी तरह अपृथक्कृत (मिक्स) घरेलू कचरे को डस्टबिन में न रखने पर 200 रुपए प्रतिमाह, और मछली या मांस अपशिष्ट का सही निस्तारण न करने पर 750 रुपए प्रति माह जुर्माना लगाया जाएगा।
बड़े आयोजनों या भंडारों में यदि आयोजक 100 से अधिक लोगों के जुटने के बाद स्थल की सफाई 12 घंटे के भीतर नहीं कराते हैं, तो उनकी जमा राशि जब्त कर ली जाएगी। वहीं, नगर निगम सीमा से बाहर के लोग यदि शहर की सीमाओं में कचरा फेंकते हैं तो उनसे 1000 रुपए प्रतिदिन वसूला जाएगा।
नई नियमावली में सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर भी 2000 रुपए का दंड तय किया गया है। मानव या पशु शवों को अनुचित तरीके से नदी या नालों में डालने पर 3000 रुपए जुर्माना वसूला जाएगा।
नगर निगम का मानना है कि इन कड़े नियमों से न केवल शहर में साफ-सफाई की स्थिति बेहतर होगी, बल्कि नागरिकों में जिम्मेदारी की भावना भी विकसित होगी। अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि वाराणसी आने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में देश के शीर्ष शहरों में शामिल होगा।