Sun, 21 Sep 2025 11:04:45 - By : Shriti Chatterjee
वाराणसी: शहर को स्वच्छता रैंकिंग में शीर्ष पांच में लाने के लिए नगर निगम ने अभियान तेज कर दिया है और लापरवाही करने वाले कर्मियों पर लगातार कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने दो स्वास्थ्य निरीक्षकों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया है और उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। इसके अलावा एक सेनेटरी सुपरवाइजर को निलंबित कर दिया गया है और दूसरे को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। इस कार्रवाई से स्वास्थ्य विभाग और सफाई व्यवस्था से जुड़े कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
अपर नगर आयुक्त सविता यादव द्वारा जगतगंज और पिशाचमोचन क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान कई स्थानों पर गंदगी और कूड़ा फैला पाया गया, वहीं टूटे हुए डस्टबिन भी मिले। इन खामियों को गंभीर मानते हुए नगर आयुक्त ने जगतगंज के स्वास्थ्य निरीक्षक ओमनारायन राठौर को कारण बताओ नोटिस जारी किया और उनका वेतन रोक दिया। साथ ही उन्हें अपर नगर आयुक्त कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया।
इसी तरह नगर आयुक्त ने शुक्रवार को दुर्गाकुंड क्षेत्र का भी निरीक्षण किया। यहां भी कई स्थानों पर कूड़ा फैला हुआ और सफाई व्यवस्था शिथिल मिली। नगर आयुक्त ने इसे लापरवाही मानते हुए दुर्गाकुंड के स्वास्थ्य निरीक्षक अश्वनी वर्मा से स्पष्टीकरण मांगा और उनका वेतन भी अग्रिम आदेश तक रोक दिया।
नगर आयुक्त ने जगतगंज और पिशाचमोचन क्षेत्र में तैनात सेनेटरी सुपरवाइजरों पर भी कार्रवाई की। इसमें रंजीत कुमार को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई जबकि राजबहादुर को पर्यवेक्षण में शिथिलता और कार्य में लापरवाही के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में नगर आयुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि आने वाले पर्वों को ध्यान में रखते हुए सफाई व्यवस्था को और दुरुस्त किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसी स्तर पर शिथिलता या लापरवाही पाई गई तो कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम की इस सख्ती को शहर को स्वच्छ और बेहतर बनाने के प्रयासों का हिस्सा माना जा रहा है। अधिकारी मानते हैं कि नियमित निगरानी और जवाबदेही तय करने से सफाई व्यवस्था में तेजी से सुधार संभव है।