Sat, 26 Jul 2025 00:48:44 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: साइबर अपराधों पर नियंत्रण और नागरिकों को डिजिटल धोखाधड़ी से सुरक्षित रखने के लिए वाराणसी पुलिस ने कमर कस ली है। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता में साइबर थाना और साइबर सेल की वार्षिक कार्यप्रणाली की समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें बीते एक वर्ष के भीतर साइबर अपराध के विरुद्ध की गई कार्रवाई का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया गया। समीक्षा के दौरान यह सामने आया कि साइबर थाना टीम ने महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज करते हुए न केवल 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया, बल्कि दो करोड़ रुपये की साइबर ठगी को समय रहते रोक लिया।
साइबर अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई में से 10 आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कठोर धाराएं लगाई गई हैं। पुलिस की तत्परता से दो करोड़ रुपये की ठगी की रकम संबंधित बैंक खातों में ट्रांसफर होने से पहले ही फ्रीज कर दी गई, जिससे पीड़ितों को बड़ी राहत मिली। साथ ही, 288 संदिग्ध मोबाइल नंबरों की तकनीकी जांच के उपरांत उन्हें ब्लॉक कर दिया गया, जिससे भविष्य में होने वाली वित्तीय धोखाधड़ी की संभावनाओं को काफी हद तक खत्म किया गया।
पुलिस कमिश्नर ने यह भी बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फर्जी प्रोफाइलों के माध्यम से लोगों को ठगने की कोशिशों पर लगाम लगाने के लिए 110 से अधिक फेक प्रोफाइलों को हटवाया गया। इन कार्यवाहियों से न केवल पीड़ितों को न्याय मिला, बल्कि सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाले डिजिटल शोषण पर भी अंकुश लगा। वहीं दूसरी ओर, साइबर जागरूकता की दिशा में पुलिस ने उल्लेखनीय कार्य करते हुए 48 से अधिक शिविर आयोजित किए, जिनमें लगभग 5000 छात्र-छात्राओं और आम नागरिकों को साइबर सुरक्षा से जुड़ी जानकारी दी गई।
समीक्षा बैठक में पुलिस कमिश्नर ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि साइबर अपराध से जुड़े लंबित मामलों की विवेचना शीघ्र पूरी की जाए और ऐसे अपराधियों की चल-अचल संपत्तियों की जब्ती की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि अपराधियों की स्थायी निगरानी के लिए उनकी हिस्ट्रीशीट खोली जाए, ताकि ऐसे तत्वों पर निरंतर निगाह रखी जा सके।
इसके साथ ही कमिश्नर अग्रवाल ने साइबर अपराध के नए तरीकों और तकनीकों को समझने के लिए पुलिसकर्मियों को नियमित प्रशिक्षण देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधों की बदलती प्रवृत्तियों के अनुरूप पुलिस बल को भी तकनीकी रूप से सशक्त होना आवश्यक है, ताकि अपराध की योजना बनाने से पहले ही अपराधी चिन्हित किए जा सकें और आमजन को ठगी से बचाया जा सके।
बैठक के माध्यम से पुलिस प्रशासन ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि वाराणसी में साइबर अपराध के प्रति कोई सहानुभूति नहीं बरती जाएगी और 'जीरो टॉलरेंस' की नीति के तहत ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। आम नागरिकों की सुरक्षा और डिजिटल लेन-देन की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए पुलिस की यह पहल भविष्य में साइबर अपराध पर एक बड़ी चोट साबित हो सकती है।