Thu, 23 Oct 2025 12:01:12 - By : Tanishka upadhyay
वाराणसी: छठ महापर्व की तैयारियां जोरों पर हैं। यह चार दिवसीय महापर्व 25 अक्टूबर से शुरू होगा। नहाय-खाय के साथ पर्व की शुरुआत 25 अक्टूबर को होगी, 26 अक्टूबर को खरना होगा, 27 अक्टूबर को व्रती महिलाएं डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगी, जबकि 28 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हुए छठ महापर्व का समापन होगा। लाखों व्रतियों के आने की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्थाओं को पुख्ता करने का काम शुरू कर दिया है।
सुरक्षा और आपात स्थिति से निपटने के लिए 11 एनडीआरएफ बटालियन की टीमें गंगा घाटों, सरोवरों और कुंडों पर तैनात होंगी। इन टीमों को जीवन रक्षक उपकरणों से लैस किया गया है। इसमें रेस्क्यू मोटर बोट, वॉटर एम्बुलेंस, लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय, गोताखोर, पैरामेडिकल स्टाफ, ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य बचाव सामग्री शामिल हैं। एनडीआरएफ के उप महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि वाराणसी में गंगा घाटों पर, बीएलडब्ल्यू और चंदौली में कुल करीब सात टीमें सक्रिय रहेंगी। प्रत्येक टीम में लगभग 30 प्रशिक्षित कर्मी होंगे, और जरूरत पड़ने पर टीमों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। प्रशासन और एनडीआरएफ का समन्वय सुनिश्चित करेगा कि छठ पर्व के दौरान सुरक्षा और चिकित्सकीय सहायता निर्बाध रूप से उपलब्ध रहे।
सुरक्षा और व्यवस्थाओं के साथ ही श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। बीएलडब्ल्यू प्रशासन ने छठ व्रतियों से अनुरोध किया है कि वे आधार कार्ड के साथ सूर्य सरोवर, बरेका पहुंचकर अपना पंजीकरण कराएं और प्रवेश पास प्राप्त करें। यह पास महापर्व के दिन परिसर में सुव्यवस्थित प्रवेश सुनिश्चित करेगा। प्रवेश पास का वितरण 26 अक्टूबर तक प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक किया जा रहा है। प्रशासन ने यह कदम आयोजनों को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए उठाया है।
छठ महापर्व की तैयारियों के तहत कुंड, सरोवर और गंगा घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था, चिकित्सा सहायता और प्रवेश नियंत्रण की व्यापक तैयारी की जा रही है। इससे हजारों श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के अपने परिवार के साथ महापर्व में शामिल हो सकेंगे।