Tue, 24 Jun 2025 11:33:37 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: रामनगर क्षेत्र में एक निजी अस्पताल पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। टेंगरा मोड़ स्थित शंकर नगर कॉलोनी में संचालित केसर हॉस्पिटल के डॉक्टर और कर्मचारियों पर दलित युवक के साथ मारपीट करने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित युवक अजय कुमार सोनकर, मूल रूप से मिर्जापुर जनपद के चुनार थाना अंतर्गत ऐबकपुर मुहाना का निवासी है, जो वर्तमान में शंकर नगर कॉलोनी में रह रहा है। उसने रामनगर थाने में तहरीर देकर डॉक्टर और अस्पताल स्टाफ पर बर्बरता का आरोप लगाया है।
घटना रविवार देर रात की है जब अजय अपने मित्र रितेश कुमार सिंह की पत्नी का इलाज कराने के लिए उक्त अस्पताल पहुंचा था। पीड़ित का आरोप है कि महिला मरीज की तबीयत बिगड़ने पर जब वह दवाओं की जानकारी और पर्ची मांगने गया तो डॉक्टर और कर्मचारियों ने उसे चेंबर में बुलाकर बुरी तरह पीटा। मारपीट इतनी गंभीर थी कि उसके हाथ में 20 टांके लगाने पड़े और उसे तत्काल बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराना पड़ा।
अजय का कहना है कि महिला मरीज को बिना डॉक्टर को दिखाए सीधे दवा और ड्रिप देना शुरू कर दिया गया। मरीज की हालत बिगड़ने पर जब परिजनों ने डॉक्टर को बुलाने के लिए कहा तो उनकी बातों को अनसुना कर दिया गया। बाद में डॉक्टर ने आकर बिना मरीज को ठीक से देखे बीस हजार रुपये एडवांस की मांग कर दी। जब अजय ने इसका कारण पूछा, तो डॉक्टर कथित रूप से भड़क गया और उसे जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए अपमानित किया। इसके बाद, जब वह दवा की पर्ची मांगने दोबारा अस्पताल गया तो डॉक्टर और कर्मचारियों ने चेंबर में बंद कर उसकी बेरहमी से पिटाई की।
घटना के बाद अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ, जो सीसीटीवी कैमरों में भी रिकॉर्ड हुआ है। सीसीटीवी फुटेज में अजय को डॉक्टर के चेंबर में ले जाते और फिर बाहर हंगामा करते हुए देखा गया है। पुलिस ने फुटेज जब्त कर जांच शुरू कर दी है। रामनगर की भीटी चौकी के प्रभारी आदित्य सिंह ने बताया कि मामले की पूरी जांच की जा रही है और आसपास के लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।
दूसरी ओर, केसर हॉस्पिटल के डॉक्टर संजय पटेल ने भी युवक अजय के खिलाफ तहरीर दी है, जिससे मामला और उलझ गया है। उन्होंने किसी तरह का बयान देने से इंकार कर दिया है और मीडिया से दूरी बनाए रखी।
यह पूरी घटना न केवल चिकित्सा नैतिकता पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि जातीय भेदभाव के गंभीर आरोपों को भी जन्म देती है। डॉक्टर जिसे समाज में ‘भगवान का रूप’ माना जाता है, उसके ऊपर दलित युवक के साथ इस तरह के दुर्व्यवहार का आरोप लगना चिंताजनक है।
इलाके में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है और लोग अस्पताल प्रशासन के रवैये की कड़ी आलोचना कर रहे हैं। प्रशासन पर भी मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का दबाव बढ़ता जा रहा है।
फिलहाल, घायल अजय सोनकर का इलाज बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है और पुलिस द्वारा मामले की जांच जारी है। आने वाले दिनों में सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयान से मामले की सच्चाई सामने आने की उम्मीद है। इस प्रकरण ने एक बार फिर निजी अस्पतालों की जवाबदेही, डॉक्टरों की संवेदनशीलता और समाज में जातीय भेदभाव जैसे अहम मुद्दों को उजागर कर दिया है।