Sat, 25 Oct 2025 09:59:27 - By : Yash Agrawal
वाराणसी में हिंदू सुरक्षा सेवा संघ के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को रविदास गेट पर राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (आरएसएसपी) के प्रमुख और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का पुतला फूंककर विरोध दर्ज कराया, संगठन ने लंका थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर भी दी है, संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य बार-बार देवी देवताओं और धार्मिक परंपराओं पर विवादित टिप्पणियां करते हैं जिससे करोड़ों हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचती है।
प्रदर्शन के दौरान संगठन के सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि धार्मिक भावनाओं का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, उन्होंने मांग की कि प्रशासन तुरंत उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे ताकि भविष्य में कोई व्यक्ति इस तरह के बयान देने से पहले सौ बार सोचे, संगठन के प्रतिनिधियों ने कहा कि अगर मौर्य वाराणसी आते हैं तो उनका स्वागत विरोध के अपने अंदाज में किया जाएगा।
दरअसल, यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बयान में देवी लक्ष्मी की पूजा को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि लक्ष्मी की पूजा करना व्यावहारिकता से कोसों दूर है, अगर लक्ष्मी की पूजा करने से वास्तव में धन प्राप्त होता, तो भारत आज गरीब देशों की श्रेणी में नहीं आता जहां करोड़ों लोग गरीबी में जीवन जी रहे हैं, उन्होंने यह भी कहा कि देवी लक्ष्मी की पूजा परंपरा का हिस्सा हो सकती है लेकिन यह तर्क और यथार्थ से मेल नहीं खाती।
मौर्य के इस बयान के बाद धार्मिक संगठनों में नाराजगी फैल गई है, कई लोगों का कहना है कि इस तरह की बातें न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करती हैं बल्कि समाज में वैमनस्य भी फैलाती हैं। वहीं कुछ लोगों का मत है कि नेताओं को धर्म और आस्था से जुड़े विषयों पर बयान देते समय संतुलित भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि किसी वर्ग की भावना को ठेस न पहुंचे।
स्वामी प्रसाद मौर्य पहले भी इस तरह के बयानों को लेकर विवादों में रह चुके हैं। उनके पूर्व बयानों को लेकर भी कई बार विरोध प्रदर्शन हुए थे, वाराणसी में हुआ यह विरोध एक बार फिर इस बात का संकेत है कि धार्मिक भावनाओं से जुड़ी टिप्पणियां राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर कितनी संवेदनशील हो सकती हैं।