Sat, 25 Oct 2025 15:39:12 - By : Tanishka upadhyay
भारत का सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम यानी एमएसएमई क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ माना जाता है। यह न केवल लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करता है बल्कि देश की जीडीपी वृद्धि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। तेजी से बदलते तकनीकी युग में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई को इस क्षेत्र के लिए नई संभावनाओं का द्वार माना जा रहा है। एआई के माध्यम से एमएसएमई अपने कामकाज को अधिक प्रभावी बना सकते हैं, संचालन में सुधार कर सकते हैं और सीमित संसाधनों के बावजूद वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी जगह मजबूत कर सकते हैं।
शनिवार को वाराणसी के बनारस क्लब में इंडो अमेरिकन चैम्बर ऑफ कॉमर्स, वाराणसी डेस्क द्वारा आयोजित सेमिनार "विकास के लिए एआई: पूर्वी उत्तर प्रदेश के एमएसएमई को सशक्त बनाना" में विशेषज्ञों ने इसी विषय पर चर्चा की। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता ए टी एंड टी ग्लोबल नेटवर्क सर्विसेस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण कर्ण ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब केवल बड़ी कंपनियों तक सीमित नहीं है। यह तकनीक छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए भी समान रूप से उपयोगी है क्योंकि यह उनके संचालन को तेज, सटीक और डेटा-आधारित बनाती है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में, जहाँ एमएसएमई सेक्टर आर्थिक स्थिरता और सामाजिक विकास की रीढ़ है, एआई की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
कार्यक्रम की शुरुआत में आईएसीसी वाराणसी डेस्क के चेयरमैन बेन एन जॉन ने स्वागत भाषण दिया और बताया कि तकनीकी बदलावों के इस दौर में एमएसएमई को डिजिटल उपकरणों से सशक्त बनाना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि यदि छोटे उद्यम सही तकनीक अपनाएं तो वे अपनी उत्पादकता में कई गुना वृद्धि कर सकते हैं। इस मौके पर वाराणसी डिवीजन के एडिशनल कमिश्नर इंडस्ट्री उमेश कुमार सिंह और जॉइंट डायरेक्टर एमएसएमई प्रयागराज केएल बीएस यादव ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि सरकार एमएसएमई को डिजिटल ट्रांजिशन के लिए कई योजनाओं के माध्यम से सहायता प्रदान कर रही है।
सेमिनार में दिल्ली, लखनऊ और बीएचयू से आए एआई विशेषज्ञों ने विस्तार से बताया कि कैसे एआई तकनीक एमएसएमई के दैनिक संचालन को सरल बना सकती है। वक्ताओं ने कहा कि एआई आधारित सिस्टम दोहराए जाने वाले कार्यों को स्वचालित कर सकते हैं, जिससे कर्मचारियों को रणनीतिक और रचनात्मक कामों पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिलता है। एआई इन्वेंट्री प्रबंधन को अनुकूलित करता है, ग्राहकों की मांग का पूर्वानुमान लगाता है और आपूर्ति श्रृंखला को कुशल बनाता है। इससे परिचालन लागत घटती है और उत्पादकता बढ़ती है।