Sat, 20 Sep 2025 21:54:42 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: शहर में 1 अक्तूबर से 31 अक्तूबर तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाएगा। इसको लेकर शनिवार को रायफल क्लब सभागार में एक महत्त्वपूर्ण अंतर्विभागीय समन्वय बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान में किसी भी स्तर पर लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि बीते वर्षों के अभियानों के अनुभवों से यह देखा गया है कि जहां-जहां समन्वय और सतर्कता की कमी रही, वहां डेंगू, मलेरिया व अन्य बीमारियों के मामले सामने आए। इसलिए इस बार सभी विभागों को जिम्मेदारियों का शत-प्रतिशत निर्वहन करना होगा। उन्होंने कहा कि हर गांव और हर वार्ड में फॉगिंग और एंटी लार्वा छिड़काव नियमित रूप से होना चाहिए। यदि कहीं भी जल जमाव की स्थिति मिलती है तो संबंधित विभाग और अधिकारी की सीधी जवाबदेही तय की जाएगी।
डीएम ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया कि शहर के सभी चिन्हित हॉटस्पॉट क्षेत्रों का सर्वेक्षण कराया जाए, विशेषकर वहां जहां खाली प्लॉटों में पानी जमा होता है। ऐसे स्थानों पर तत्काल कार्रवाई कर जल भराव की समस्या समाप्त की जाए। इसके साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से कहा कि जल जमाव की जानकारी तुरंत जलकल विभाग को दी जाए, ताकि त्वरित निस्तारण किया जा सके।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को निर्देश दिए गए कि एक टास्क फोर्स गठित की जाए, जिसमें नोडल अधिकारी नियमित तौर पर विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण करें और रिपोर्ट दें। साथ ही डेंगू मरीजों की संख्या और लोकेशन की सटीक मैपिंग की जाए, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में फोकस्ड एक्शन प्लान लागू किया जा सके।
डीएम ने कहा कि केवल छिड़काव और फॉगिंग से ही समस्या का समाधान नहीं होगा। इसके साथ ही जनजागरूकता भी उतनी ही जरूरी है। इसलिए सभी संबंधित विभाग स्कूलों, पंचायतों और शहरी बस्तियों में जागरूकता गतिविधियां चलाएं। उन्होंने कहा कि चिन्हित हॉटस्पॉट क्षेत्रों में स्क्रीनिंग कैंप लगाए जाएं, जहां बुखार या अन्य लक्षण वाले मरीजों की जांच और परामर्श तत्काल उपलब्ध हो।
उन्होंने स्पष्ट किया कि अभियान की प्रत्येक गतिविधि की समय-समय पर मॉनिटरिंग होगी और रिपोर्टिंग भी तय समय पर की जानी चाहिए। किसी भी तरह की शिथिलता सामने आने पर जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बैठक में बताया कि विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के साथ ही 1 से 31 अक्तूबर तक दस्तक अभियान भी संचालित किया जाएगा। इस दौरान स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर सर्वेक्षण करेंगे।
उन्होंने कहा कि अभियान के अंतर्गत बुखार, इन्फ्लुएंजा जैसे लक्षण (आई.एल.आई.), टीबी, कुष्ठ, फाइलेरिया, कालाजार, कुपोषण के मामले चिन्हित किए जाएंगे। इसके साथ ही डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसे गैर-संचारी रोगों से ग्रसित मरीजों की सूची भी तैयार की जाएगी। चिन्हित मरीजों के लिए उपचार, परामर्श और प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
डॉ. चौधरी ने बताया कि इन अभियानों की सफलता के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा बहुओं को सक्रिय किया जाएगा। वे घर-घर जाकर लोगों को रोगों से बचाव के उपाय बताएंगी और जरूरत पड़ने पर स्वास्थ्य केंद्रों से संपर्क भी सुनिश्चित कराएंगी।
अभियान की तैयारी को लेकर हुई इस बैठक में जिले के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। नोडल अधिकारी डॉ. अमित सिंह, एसीएमओ, डिप्टी सीएमओ, जिला पंचायती राज अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, जिला मलेरिया अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी बैठक में शामिल हुए। इसके अलावा अधीक्षक, प्रभारी चिकित्साधिकारी, यूनिसेफ के डीएमसी, कृषि, जलकल, नगर विकास और पंचायती राज विभाग के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने सभी विभागों से एकजुट होकर अभियान को सफल बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य और जीवन से जुड़ा महत्वपूर्ण प्रयास है। यदि सभी विभाग अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से निभाएं तो डेंगू, मलेरिया और अन्य संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण संभव है।