वाराणसी: बेरोजगारी और रहस्यमय परिस्थितियों में दो युवकों ने की आत्महत्या, क्षेत्र में छाया मातम

वाराणसी में बीते कुछ घंटों में दो अलग-अलग आत्महत्या की घटनाओं से शोक की लहर है, मंडुवाडीह में बेरोजगारी से परेशान युवक ने फांसी लगाई, वहीं शिवपुर में एक युवक ट्रेन से कटा।

Fri, 27 Jun 2025 20:51:45 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: जिले में बीते कुछ घंटों के भीतर दो अलग-अलग आत्महत्या की घटनाओं ने इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है। एक ओर मंडुवाडीह थाना क्षेत्र के शिवदासपुर ब्लॉक रोड पर एक युवक ने बेरोजगारी से परेशान होकर फांसी लगाकर जान दे दी, तो दूसरी ओर शिवपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत इंद्रपुर रेलवे लाइन पर एक युवक ने चलती ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। दोनों घटनाओं के बाद मृतकों के परिवारों में कोहराम मच गया है और पूरा मोहल्ला स्तब्ध है।

पहली घटना गुरुवार रात की है, जब मंडुवाडीह थाना क्षेत्र के शिवदासपुर ब्लॉक रोड पर रहने वाला युवक ऋषि अवस्थी, जो तीन भाइयों में सबसे छोटा था, ने आत्महत्या कर ली। जानकारी के अनुसार, रात का भोजन करने के बाद वह अपने कमरे में सोने चला गया। कुछ देर बाद जब उसका बड़ा भाई राहुल अवस्थी ऊपर गया तो कमरे का दरवाजा बंद मिला। दरवाजा खटखटाने पर भी जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो परिवार के अन्य सदस्य बुलाए गए। खिड़की से झांकने पर देखा गया कि ऋषि का शव पंखे से लटक रहा था। इस दिल दहला देने वाले दृश्य को देखकर परिवार में चीख-पुकार मच गई।

घटना की सूचना मिलते ही मंडुवाडीह थाना पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारकर कब्जे में लिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। परिजनों ने बताया कि ऋषि पिछले कुछ महीनों से बेरोजगारी से जूझ रहा था और इस कारण अवसाद में भी था। थानाध्यक्ष मंडुवाडीह ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि प्राथमिक जांच में आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रहा है और आगे की जांच की जा रही है।

दूसरी घटना शनिवार की भोर में शिवपुर थाना क्षेत्र के इंद्रपुर रेलवे लाइन पर हुई, जहां एक अज्ञात युवक ने वाराणसी से लखनऊ जा रही ट्रेन के आगे छलांग लगाकर जान दे दी। बाद में उसकी पहचान प्रदीप कुमार (30 वर्ष) पुत्र लालजी राम निवासी नथमलपुर उर्फ विशंभरपुर, पोस्ट सिधौना, थाना मेहनाजपुर, जिला आजमगढ़ के रूप में हुई।

ट्रेन चालक द्वारा शिवपुर स्टेशन मास्टर को सूचित करने पर जीआरपी मौके पर पहुंची। जांच के दौरान मृतक की जेब से एक टिकट मिला, जिस पर एक मोबाइल नंबर लिखा था। उसी नंबर के माध्यम से पुलिस ने परिजनों से संपर्क किया और घटना की सूचना दी। परिजन जब शिवपुर पहुंचे तो शव की पहचान प्रदीप के रूप में की गई।

प्रदीप के पिता लालजी राम ने बताया कि उनका पूरा परिवार मुंबई में रहता है और 14 मई को ही गांव आए थे। प्रदीप बुधवार की रात परिवार के साथ खाना खाकर सोया था, लेकिन गुरुवार सुबह बिना किसी को बताए कहीं निकल गया और वापस नहीं लौटा। काफी तलाश के बाद भी उसका कोई सुराग नहीं मिला। शनिवार सुबह जब जीआरपी की ओर से हादसे की सूचना मिली तो परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। प्रदीप की शादी अभी एक साल पहले ही पूनम नाम की युवती से हुई थी। पत्नी, माता श्यामराजी देवी और बड़े भाई संदीप कुमार का रो-रोकर बुरा हाल है।

दोनों घटनाओं ने एक बार फिर यह सोचने को मजबूर कर दिया है कि मानसिक अवसाद, बेरोजगारी और सामाजिक दबाव आज के युवाओं को किस हद तक भीतर से तोड़ रहे हैं। पुलिस दोनों मामलों की जांच कर रही है, लेकिन इन दुखद आत्महत्याओं के पीछे की असल वजह जानना और ऐसे मामलों को रोकना समाज के सामने एक बड़ी चुनौती बनकर खड़ा है।

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