Tue, 23 Dec 2025 11:57:09 - By : Palak Yadav
वाराणसी में विधानसभा मतदाता सूची का विशेष सघन पुनरीक्षण लगातार जारी है और इस प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची को अधिक सटीक और अद्यतन बनाने पर जोर दिया जा रहा है। एसआइआर अभियान के दौरान आधा अधूरा आवेदन भरने वाले मतदाताओं की 2003 की मतदाता सूची से मैपिंग की जा रही है। भारत निर्वाचन आयोग की ओर से समय सीमा बढ़ाए जाने के बाद मतदाताओं के साथ साथ बूथ लेवल अधिकारियों को भी बड़ी राहत मिली है।
जिले में 12 दिसंबर तक नो मैपिंग श्रेणी में शामिल मतदाताओं की संख्या आठ लाख 53 हजार थी जो अब घटकर तीन लाख 44 हजार रह गई है। अधिकारियों का मानना है कि यह संख्या आगे और कम हो सकती है क्योंकि अब भी एसआइआर गणना प्रपत्र नहीं भरने वाले मतदाताओं के पास आवेदन करने का समय उपलब्ध है। मतदाता 26 दिसंबर तक अपने आवेदन जमा कर सकते हैं और अपनी स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं।
एसआइआर अभियान के तहत बीएलओ द्वारा घर घर जाकर किए गए सत्यापन के बाद मृतक अनुपस्थित और स्थानांतरित मतदाताओं की सूची लगभग अंतिम रूप ले चुकी है। ऐसे पांच लाख से अधिक मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जाने की प्रक्रिया में हैं। इस एएसडी सूची को राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट को उपलब्ध कराया गया है और संबंधित बूथों पर भी चस्पा किया जा रहा है ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
बीएलओ के पास भी यह सूची उपलब्ध है और कोई भी मतदाता इसे देख सकता है। यदि किसी मतदाता का नाम गलती से इस सूची में शामिल हो गया है तो उसके पास संशोधन कराने का अवसर मौजूद है। संबंधित मतदाता साक्ष्य के साथ बीएलओ को जानकारी देकर अपना नाम सही करा सकता है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी बीएलए से भी अपील की है कि वे एएसडी सूची में शामिल मतदाताओं का स्वयं सत्यापन कर लें ताकि समय रहते त्रुटियों को सुधारा जा सके।
निर्वाचन अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि मतदाताओं के पास दावा आपत्ति दर्ज कराने का अधिकार सुरक्षित है। यह पूरी प्रक्रिया मतदाता सूची को अधिक विश्वसनीय बनाने के उद्देश्य से की जा रही है ताकि चुनाव के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश न रहे। दिसंबर की शुरुआत में जहां नो मैपिंग सूची में आठ लाख 53 हजार नाम थे वहीं अब यह संख्या घटकर तीन लाख 44 हजार रह जाना अभियान की प्रगति को दर्शाता है।
इस विशेष सघन पुनरीक्षण के माध्यम से मतदाताओं को अपनी जानकारी सुधारने और अधिकारों के प्रति जागरूक होने का अवसर मिल रहा है। निर्वाचन आयोग की यह पहल लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। वाराणसी में चल रहा यह अभियान न केवल मतदाता सूची को शुद्ध करेगा बल्कि आने वाले चुनावों में पारदर्शिता और विश्वास को भी बढ़ाएगा।