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काशी हिन्दू विश्वविद्यालय: कुलपति के नाम पर फर्जी संदेश, प्रशासन ने किया सतर्क

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय: कुलपति के नाम पर फर्जी संदेश, प्रशासन ने किया सतर्क

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुलपति के नाम से प्रसारित हो रहे फर्जी व्हाट्सऐप संदेशों पर सतर्कता अपील जारी की है, जिससे ठगी का प्रयास किया जा रहा है।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रशासन के संज्ञान में एक गंभीर मामला सामने आया है जिसमें कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अजित कुमार चतुर्वेदी के नाम का दुरुपयोग कर फर्जी व्हाट्सऐप संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं। इन संदेशों के माध्यम से लोगों को भ्रमित करने के साथ साथ संभावित रूप से ठगी करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रशासन के अनुसार यह गतिविधि न केवल विश्वविद्यालय की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली है बल्कि छात्रों शिक्षकों कर्मचारियों और आम नागरिकों के लिए आर्थिक और साइबर जोखिम भी पैदा कर सकती है। इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रशासन ने सतर्कता बरतने की अपील जारी की है।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि कुलपति या विश्वविद्यालय से जुड़ा कोई भी आधिकारिक संदेश केवल निर्धारित और सत्यापित माध्यमों से ही भेजा जाता है। ऐसे में यदि किसी व्यक्ति को कुलपति के नाम से कोई कॉल संदेश या व्हाट्सऐप प्राप्त होता है तो उसकी पुष्टि संबंधित विभाग या विश्वविद्यालय के आधिकारिक चैनलों से अवश्य की जानी चाहिए। प्रशासन ने साफ शब्दों में कहा है कि किसी भी स्थिति में अज्ञात संदेशों पर भरोसा न करें और न ही किसी प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी ओटीपी बैंक विवरण या धनराशि साझा करें।

इस संबंध में विश्वविद्यालय द्वारा एक औपचारिक नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यदि किसी को कुलपति के नाम से कोई संदिग्ध संदेश या कॉल प्राप्त होती है तो उसे तुरंत विश्वविद्यालय के जनसंपर्क कार्यालय को सूचित करें। इसके साथ ही नजदीकी साइबर अपराध प्रकोष्ठ में शिकायत दर्ज कराने की भी अपील की गई है ताकि समय रहते आवश्यक कार्रवाई की जा सके। प्रशासन का कहना है कि ऐसे मामलों में त्वरित सूचना मिलने से ठगी की घटनाओं को रोका जा सकता है।

बीएचयू प्रशासन ने यह भी जानकारी दी है कि फर्जी संदेश फैलाने वालों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साइबर सुरक्षा एजेंसियों के सहयोग से इन संदेशों के स्रोत और संलिप्त व्यक्तियों की पहचान की जा रही है। साथ ही विश्वविद्यालय अपनी आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से लगातार जागरूकता संदेश प्रसारित कर रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग सतर्क रहें और किसी भी तरह की धोखाधड़ी का शिकार न बनें। प्रशासन ने दोहराया है कि सावधानी और सत्यापन ही ऐसे साइबर अपराधों से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।

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