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बीएचयू में व्यावसायिक अध्ययन, पर्यटन केंद्र व योग एमए कोर्स की होगी शुरुआत

बीएचयू में व्यावसायिक अध्ययन, पर्यटन केंद्र व योग एमए कोर्स की होगी शुरुआत

बीएचयू में व्यावसायिक अध्ययन-पर्यटन केंद्र और योग में एमए कोर्स के प्रस्ताव को एकेडमिक काउंसिल में रखा जाएगा, कई अहम फैसले संभव।

वाराणसी: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में अब शोध और अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए व्यावसायिक अध्ययन और पर्यटन प्रबंधन केंद्र खोला जाएगा। इस प्रस्ताव को कला संकाय की ओर से सिफारिश मिलने के बाद मंजूरी दी गई है। केंद्र के गठन से बनारस और पूर्वांचल में बढ़ रहे पर्यटकों के अध्ययन और पर्यटन प्रबंधन पर शोध को नया दिशा मिलेगी।

कला संकाय में स्थापित होने वाले इस केंद्र में डीन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा। समिति केंद्र के संचालन, योजनाओं और अन्य पहलुओं का अध्ययन करेगी तथा पूरी प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित कराने का काम करेगी। यह प्रस्ताव आज एकेडमिक काउंसिल की बैठक में रखा जाएगा।

साथ ही बीएचयू में पहली बार योग में एमए कोर्स की शुरुआत की जाएगी। संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के वैदिक दर्शन विभाग में योग आचार्य कोर्स के तहत यह कार्यक्रम चलाया जाएगा। इस प्रस्ताव को संकाय स्तर पर पारित किया गया है और शनिवार को एसी बैठक में इसकी अंतिम स्वीकृति दी जाएगी।

कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी की अध्यक्षता में आयोजित इस एकेडमिक काउंसिल की बैठक में कुल 20 नए एजेंडे रखे जाएंगे और पिछले 30 प्रस्तावों को लागू किया जाएगा। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं। पिछले वर्ष डिप्लोमा कोर्स में बाहरी छात्रों के प्रवेश पर रोक लगाई गई थी, जिससे कई सीटें खाली रह गई थीं। इस बार से नए छात्रों के प्रवेश पर रोक नहीं रहेगी, और महाविद्यालयों के छात्र भी प्रवेश ले सकेंगे।

कला संकाय में ओडिया अध्ययन पर स्नातक कोर्स भी शुरू किया जाएगा। इस कोर्स की कक्षाओं और परीक्षाओं की जिम्मेदारी कवि सम्राट उपेंद्र भांजा ओडिया चेयर की होगी। इसे एनईपी के तहत वैल्यू ऐडेड कोर्स के रूप में तैयार किया गया है। पिछली एकेडमिक काउंसिल में सिलेबस में संशोधन करके इसे बड़ा और व्यापक बनाया गया है।

वैदिक दर्शन विभाग में धर्मशास्त्र और मीमांसा विषयों के लिए आचार्य कोर्स में प्रवेश की योग्यता भी बढ़ा दी गई है। पहले केवल शास्त्री (ऑनर्स) उपाधि धारकों को ही प्रवेश मिलता था, लेकिन अब बीए ऑनर्स और इसके समकक्ष डिग्री रखने वाले छात्र भी इसमें प्रवेश ले सकेंगे। धर्मशास्त्र में पुराण, पुराणेतिहास, ज्योतिष, साहित्य, संस्कृत और मीमांसा के अध्ययन के लिए वेद, दर्शन, सर्वदर्शन, सांख्ययोग, न्याय वैशेषिक, वेदांत, संस्कृत आदि का अध्ययन करना आवश्यक होगा।

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