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चंदौली: केमिस्ट हत्याकांड की जांच वाराणसी तक फैली, करोड़ों की जमीन विवाद से जुड़ा मामला

चंदौली: केमिस्ट हत्याकांड की जांच वाराणसी तक फैली, करोड़ों की जमीन विवाद से जुड़ा मामला

चंदौली में दवा कारोबारी रोहितास पाल की हत्या की जांच वाराणसी तक फैली, करोड़ों की जमीन विवाद और एक स्थानीय अपराधी की संलिप्तता का संदेह है।

चंदौली: पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर में केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के जिला महामंत्री और स्थानीय दवा कारोबारी रोहितास पाल की हत्या के बाद पुलिस की जांच अब वाराणसी तक पहुंच गई है। वारदात के तीसरे ही दिन चंदौली पुलिस के दो थानेदार और क्राइम ब्रांच की टीम वाराणसी में डेरा डालकर सुराग जुटाने में लगी है। मंगलवार देर शाम हुई इस हत्या ने पूरे जिले में तनाव पैदा कर दिया था और शुरुआती जांच के बाद पुलिस अब यह मान रही है कि हत्या की जड़ करोड़ों रुपये की जमीन से जुड़ी हुई है। जांच में यह संकेत मिले हैं कि वाराणसी में डॉक्टरों से रंगदारी वसूलने में बदनाम एक स्थानीय अपराधी ने इस वारदात में अहम भूमिका निभाई है। पुलिस को शक है कि उसी ने बदमाश रोहितास की हत्या के लिए शूटर उपलब्ध कराए होंगे और पूरा साजिशी प्लान इसी कड़ी से जुड़ा है।

शुक्रवार को एसटीएफ की सक्रियता ने जांच को और तेज कर दिया क्योंकि टीम चंदौली से वाराणसी तक लगातार गतिविधियों पर नजर रखे हुए है। अधिकारियों का मानना है कि हत्या हाई प्रोफाइल तरीके से कराई गई है जिसमें कुछ प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता से भी इनकार नहीं किया जा सकता। यही कारण है कि एसटीएफ और पुलिस दोनों कई पहलुओं को समानांतर रूप से जांच रही हैं। हत्या की वारदात सीसीटीवी में भी रिकॉर्ड हुई जिसमें शूटर ने बेहद नजदीक से गोली चलाई। इससे साफ है कि लक्ष्य सिर्फ और सिर्फ रोहितास पाल की हत्या था। करीब से दागी गई गोली बताती है कि यह काम किसी पेशेवर शूटर ने किया है। मौके से 32 बोर का खोखा भी मिला है जो इस बात को और मजबूत करता है कि हत्या में शामिल लोग अनुभवी और हाई प्रोफाइल अपराधी थे।

पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि जिस विवादित भूमि को लेकर तनाव चल रहा था उस पर कुछ लोग पंचायत कराने की कोशिश भी कर रहे थे और पिछले कुछ दिनों में कई बार इस विवाद के कारण तनाव की स्थिति बन चुकी थी। पुलिस अब इस जमीन से जुड़े हर पक्ष को खंगाल रही है। बड़ी संख्या में मोबाइल फोन सर्विलांस पर लिए गए हैं ताकि घटना से जुड़े लोगों की गतिविधियों और आपसी संपर्कों का पूरा रिकॉर्ड तैयार किया जा सके। अधिकारियों का मानना है कि मोबाइल लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड और वित्तीय लेनदेन इस केस में मुख्य सुराग साबित हो सकते हैं। पुलिस लगातार उन लोगों की सूची भी तैयार कर रही है जिनका विवादित जमीन से किसी न किसी रूप में संबंध रहा है।

वाराणसी परिक्षेत्र के डीआइजी वैभव कृष्ण ने बताया कि भूमि विवाद जांच का एक महत्वपूर्ण बिंदु है लेकिन पुलिस अन्य एंगल पर भी समान गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जब तक ठोस सुराग नहीं मिल जाते तब तक किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना ठीक नहीं होगा। हालांकि एक बात स्पष्ट है कि शूटर का उद्देश्य केवल हत्या करना था और वारदात को जिस सटीकता से अंजाम दिया गया वह इस बात को साबित भी करता है। पुलिस टीमों का कहना है कि जांच तेजी से आगे बढ़ रही है और जल्द ही हत्या के पीछे काम कर रहे पूरे नेटवर्क तक पहुंच बना ली जाएगी।

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