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सीएम योगी का जनता दर्शन, अफसरों को निर्देश- ठंड में लोग लखनऊ न दौड़ें, जिले में ही सुनें फरियाद

सीएम योगी का जनता दर्शन, अफसरों को निर्देश- ठंड में लोग लखनऊ न दौड़ें, जिले में ही सुनें फरियाद

मुख्यमंत्री योगी ने जनता दर्शन में अफसरों को निर्देश दिए कि जिले में ही जनसुनवाई हो, ताकि लोग ठंड में लखनऊ न आएं और रैनबसेरों में उत्तम व्यवस्था हो।

लखनऊ: प्रदेश की राजधानी में कड़ाके की ठंड और शीतलहर के बीच सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर आयोजित ‘जनता दर्शन’ में संवेदनशीलता और प्रशासनिक सख्ती का मिला-जुला उदाहरण पेश किया। प्रदेश के दूर-दराज इलाकों से आए सैकड़ों फरियादियों की समस्याएं सुनने के दौरान मुख्यमंत्री ने अफसरों को कड़े निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जिला स्तर पर जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान प्रतिदिन जनसुनवाई करें, ताकि इस भीषण सर्दी में आम जनता को अपनी शिकायतों के लिए लखनऊ तक की दौड़ न लगानी पड़े। मुख्यमंत्री ने लखनऊ प्रशासन को भी हिदायत दी कि बाहर से आने वाले फरियादियों के लिए रैनबसेरों में ठहरने की उत्तम व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

रात में आने वाले फरियादियों की चिंता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौर किया कि ‘जनता दर्शन’ में अपनी गुहार लगाने के लिए प्रदेश के कोने-कोने से लोग एक दिन पहले ही लखनऊ पहुंच जाते हैं। सर्दी की रातों में इन लोगों को खुले आसमान या असुविधाजनक जगहों पर न रहना पड़े, इसके लिए सीएम ने संवेदनशीलता दिखाई। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि, "सरकार ने रैनबसेरों की व्यवस्था की है, यह सुनिश्चित करें कि फरियादी वहां रुकें और उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो।" मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को केवल आदेश तक सीमित न रहने को कहा, बल्कि उन्हें समय-समय पर खुद रैनबसेरों का औचक निरीक्षण करने और जमीनी हकीकत परखने की जिम्मेदारी भी सौंपी।

डीएम-कप्तान तय करें जवाबदेही
बढ़ती ठंड का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अमले के पेंच भी कसे। उन्होंने कहा कि यदि जनपदों में तैनात जिलाधिकारी (DM) और पुलिस कप्तान (SP/SSP) नियमित रूप से अपने कार्यालयों में बैठकर जनता की समस्याएं सुनें और उनका गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें, तो लोगों को सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करके लखनऊ नहीं आना पड़ेगा। सीएम ने अपील की कि पीड़ित पहले अपने जिले के उच्च अधिकारियों से मिलें। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी भी दी कि जनता की समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर ही होना सरकार की प्राथमिकता है और इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

इलाज के लिए धन की कमी आड़े नहीं आएगी
जनता दर्शन के दौरान कई फरियादी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए आर्थिक मदद की आस लेकर पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने उनकी पीड़ा को समझते हुए तत्काल अधिकारियों को निर्देश दिए और पीड़ितों को ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा, "आप अस्पताल से एस्टिमेट बनवाकर लाएं, सरकार इलाज के लिए भरपूर आर्थिक सहायता देगी।" मुख्यमंत्री ने दोहराया कि धन के अभाव में प्रदेश के किसी भी गरीब का इलाज नहीं रुकने दिया जाएगा। वहीं, जमीन पर अवैध कब्जे और धान खरीद में अनियमितता की शिकायतों पर सीएम ने सख्त रुख अपनाते हुए जांच और कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए। उन्होंने साफ किया कि गरीबों और किसानों को परेशान करने वाले तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा।

बच्चों को देख पिघला सीएम का मन
गंभीर प्रशासनिक चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री का एक बेहद मानवीय और स्नेहिल रूप भी देखने को मिला। जनता दर्शन में अपने अभिभावकों के साथ आए नन्हें बच्चों को देखकर सीएम योगी खुद को रोक नहीं पाए। उन्होंने बच्चों को पास बुलाया, उन्हें दुलारा और उनकी पढ़ाई-लिखाई के बारे में सवाल-जवाब किए। मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से बच्चों को चॉकलेट बांटी और अभिभावकों से विशेष अपील करते हुए कहा कि, "ठंड बहुत ज्यादा है, बच्चों को बचाकर रखें।" मुख्यमंत्री की इस आत्मीयता ने वहां मौजूद फरियादियों के चेहरों पर मुस्कान बिखेर दी।

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