22 दिसंबर का दिन खगोल विज्ञान की दृष्टि से पूरे वर्ष का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस दिन देश सहित उत्तरी गोलार्ध में साल का सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात दर्ज की जाती है। खगोल विज्ञान में इसे विंटर सोल्स्टिस डे कहा जाता है। यह स्थिति पृथ्वी की सूर्य के सापेक्ष झुकी हुई अवस्था के कारण बनती है, जिसके चलते सूर्य की किरणें उत्तरी गोलार्ध में सबसे कम समय के लिए दिखाई देती हैं। इसी कारण दिन की अवधि न्यूनतम और रात की अवधि अधिकतम हो जाती है।
खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार भारतीय समय के अनुसार रात आठ बजकर तैंतीस मिनट पर सूर्य की किरणें मकर रेखा पर लंबवत होंगी। इसी खगोलीय घटना के साथ सूर्य की उत्तरायण यात्रा की औपचारिक शुरुआत मानी जाती है। 22 दिसंबर के बाद दिन धीरे धीरे बड़े होने लगते हैं और रातों की अवधि कम होने लगती है। हालांकि यह बदलाव तुरंत महसूस नहीं होता, लेकिन वैज्ञानिक रूप से इसी दिन से यह प्रक्रिया आरंभ हो जाती है।
विंटर सोल्स्टिस वह स्थिति होती है जब सूर्य अपनी सबसे दक्षिणी स्थिति पर पहुंचता है। इस दौरान उत्तरी गोलार्ध में सूर्य का मार्ग सबसे छोटा हो जाता है, जिससे प्रकाश की अवधि घट जाती है। इसके बाद सूर्य की किरणें धीरे धीरे उत्तर दिशा की ओर बढ़ने लगती हैं। आने वाले दिनों में दिन की लंबाई में क्रमिक वृद्धि होती है, जिससे सूर्य का प्रकाश अधिक समय तक उपलब्ध रहता है और मौसम में भी धीरे धीरे परिवर्तन देखने को मिलता है।
इस दिन का महत्व भारतीय पंचांग और परंपराओं में भी विशेष रूप से माना गया है। सूर्य के उत्तरायण होने को शुभ और सकारात्मक परिवर्तन का प्रतीक माना जाता है। इसी क्रम में मकर संक्रांति जैसे प्रमुख पर्व मनाए जाते हैं। उत्तरायण को नई शुरुआत, सकारात्मक ऊर्जा और जीवन में प्रगति से जोड़ा जाता है। खगोल विज्ञान के अनुसार पृथ्वी अपनी धुरी पर झुकी हुई अवस्था में सूर्य की परिक्रमा करती है और इसी प्राकृतिक प्रक्रिया के कारण ऋतुओं तथा दिन रात की अवधि में बदलाव आता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि विंटर सोल्स्टिस के बाद सूर्य की किरणें उत्तरी गोलार्ध की ओर बढ़ने लगती हैं, जिससे तापमान में भी धीरे धीरे बदलाव दिखाई देता है। ठंड का असर कुछ समय तक बना रहता है, लेकिन दिन बड़े होने से सूर्य का प्रकाश अधिक समय तक मिलता है। इसका सकारात्मक प्रभाव कृषि, मौसम और मानव जीवन पर पड़ता है।
विंटर सोल्स्टिस डे हर साल केवल एक बार आता है और यह नजारा अपने आप में अनोखा होता है। यह दिन न केवल खगोल विज्ञान के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमें यह भी याद दिलाता है कि प्रकृति के हर चक्र में संतुलन और नई शुरुआत छिपी होती है। जैसे जैसे दिन बढ़ते हैं, वैसे वैसे जीवन में भी नई ऊर्जा और आशा का संचार होता है।
22 दिसंबर साल का सबसे छोटा दिन, सबसे लंबी रात होगी दर्ज, जानें वजह

22 दिसंबर को खगोल विज्ञान में विंटर सोल्स्टिस कहा जाता है, यह साल का सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात होती है।
Category: science astronomy special day
LATEST NEWS
-
वाराणसी: जीएनएम छात्रा का अश्लील वीडियो वायरल, युवक पर धमकी व प्रताड़ना का आरोप
वाराणसी में जीएनएम छात्रा का अश्लील वीडियो वायरल करने व धमकी देने के आरोप में एक युवक पर एफआईआर दर्ज हुई है।
BY : Palak Yadav | 22 Dec 2025, 02:13 PM
-
चांदी की बढ़ती कीमतों ने वाराणसी के सर्राफा बाजार की चिंता बढ़ाई, ग्राहकी घटी
वाराणसी में चांदी की कीमतें 80 हजार से 2 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के करीब पहुंचीं, जिससे सर्राफा बाजार में ग्राहकी ठप है।
BY : Palak Yadav | 22 Dec 2025, 01:56 PM
-
कोडिन सिरप विवाद पर सीएम योगी का दो टूक जवाब, विपक्ष पर किया तीखा प्रहार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कोडिन सिरप से एक भी मौत न होने का दावा किया, विपक्ष पर भ्रमित करने का आरोप लगाया।
BY : SANDEEP KR SRIVASTAVA | 22 Dec 2025, 01:49 PM
-
वृंदावन में ठंड और कोहरे के बावजूद बांकेबिहारी मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़
घने कोहरे और भीषण सर्दी के बावजूद रविवार को वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जिससे व्यवस्थाएं चरमराई।
BY : Palak Yadav | 22 Dec 2025, 01:41 PM
-
बांग्लादेश: अफवाह पर भीड़ ने निर्दोष दीपू चंद्र दास की हत्या, जांच में सच उजागर
मयमनसिंह में ईशनिंदा के झूठे आरोप पर दीपू चंद्र दास को भीड़ ने मार डाला, जांच में आरोप बेबुनियाद पाए गए।
BY : SANDEEP KR SRIVASTAVA | 22 Dec 2025, 01:23 PM
