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दिल्ली: एनसीआर में लगातार 14वें दिन हवा 'बहुत खराब', सांस लेना हुआ मुश्किल

दिल्ली: एनसीआर में लगातार 14वें दिन हवा 'बहुत खराब', सांस लेना हुआ मुश्किल

दिल्ली-एनसीआर में लगातार 14वें दिन भी वायु प्रदूषण 'बहुत खराब' श्रेणी में रहा, जिससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई हुई और स्वास्थ्य जोखिम बढ़े।

दिल्ली : एनसीआर की हवा लगातार चौदहवें दिन भी लोगों के लिए परेशानी बनी रही। गुरुवार सुबह प्रदूषण स्तर बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया जिससे आम लोगों को सांस लेने में कठिनाई महसूस हुई। पूरे क्षेत्र में सुबह से ही धुंध और प्रदूषित हवा का असर देखने को मिला। हालांकि दोपहर के समय एक्यूआई में थोड़ी गिरावट जरूर दर्ज की गई लेकिन स्थिति अब भी सामान्य होने से काफी दूर है। दोपहर डेढ़ बजे के करीब शहर का औसत एक्यूआई 250 से नीचे आया जो कि खराब श्रेणी में माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसी गुणवत्ता वाली हवा में लंबे समय तक रहना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है और बच्चों बुजुर्गों तथा सांस संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों को खास सावधानी रखनी चाहिए।

मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली में तापमान में गिरावट का दौर भी जारी है। गुरुवार को न्यूनतम तापमान 8.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस सीजन की ठंडी सुबहों में से एक रहा। दिन के अधिकतम तापमान के 27 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। ठंडी हवा और प्रदूषण के मिश्रण ने सुबह के समय वातावरण को और चुनौतीपूर्ण बना दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की कम गति और सर्दी का असर मिलकर प्रदूषकों को जमीन के पास रोक देता है जिससे एक्यूआई में तेजी से सुधार नहीं हो पा रहा है।

इसी पृष्ठभूमि में वायु गुणवत्ता सुधार से जुड़े प्रयासों पर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। आईआईटी कानपुर और ऐरावत रिसर्च फाउंडेशन ने मिलकर शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए एआई और कम लागत वाले सेंसर का उपयोग विषय पर चर्चा की। इस कार्यशाला में आईआईटी कानपुर और आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों समेत कई शोधकर्ता शामिल हुए। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में एआई आधारित तकनीकों की मदद से प्रदूषण स्रोतों की रियल टाइम पहचान और निगरानी आसान हो सकेगी। इससे शहरों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए अधिक प्रभावी रणनीतियां बनाई जा सकेंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदूषण नियंत्रण में तकनीक की भूमिका तेजी से बढ़ रही है और यदि इसे सही तरीके से अपनाया जाए तो प्रदूषण स्तर में दीर्घकालिक सुधार संभव है।

दिल्ली एनसीआर में लगातार बनी प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए प्रशासन और वैज्ञानिक संस्थानों के बीच इस तरह की पहल को अहम माना जा रहा है। विशेषज्ञों ने कहा कि आम जनता को भी जागरूक होकर प्रदूषण फैलाने वाले व्यवहार में कमी लानी होगी ताकि दिल्ली की हवा आने वाले दिनों में राहत दे सके। फिलहाल हवा की गुणवत्ता और तापमान दोनों ही शहर के लिए चुनौतियां बने हुए हैं और सुधार की प्रक्रिया धीरे धीरे आगे बढ़ रही है।

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