दो हजार करोड़ रुपये के कफ सीरप तस्करी मामले में जांच आगे बढ़ने के साथ ही चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। पुलिस को जांच में पता चला है कि जिन ट्रकों के नंबर पर कफ सीरप का ई वे बिल बनवाया गया था वे ट्रक वास्तव में वाराणसी पहुंचे ही नहीं। हैरानी की बात यह है कि इन्हीं नंबरों पर बर्तन लेकर बनारस आने की बात सामने आई है। अब तक जांच में कुल पचास इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज सामने आए हैं जिनमें से सत्ताइस ई वे बिल में गंभीर गड़बड़ी पाई गई है। इससे साफ है कि तस्करी को वैध दिखाने के लिए सुनियोजित तरीके से फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए थे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जैसे जैसे जांच गहराई में जा रही है वैसे वैसे मामला और अधिक उलझता जा रहा है और तस्करी का नेटवर्क अनुमान से कहीं अधिक बड़ा नजर आ रहा है।
जांच में यह भी सामने आया है कि रांची के शैली ट्रेडर्स से वाराणसी भेजी गई कफ सीरप की लाखों शीशियों के लिए जिन ट्रकों का इस्तेमाल कागजों में दिखाया गया वे हकीकत में कभी इस रूट पर आए ही नहीं। करीब एक दर्जन ट्रक चालकों ने पुलिस के सामने बयान दिया है कि वे बर्तन लोड कर वाराणसी आए थे और कफ सीरप के ट्रांसपोर्ट से उनका कोई लेना देना नहीं है। सत्ताइस ई वे बिल में गड़बड़ी मिलने के बाद पुलिस ने पूरे मामले की नए सिरे से जांच शुरू कर दी है क्योंकि शुरुआती जांच में ही साफ हो गया है कि तस्करी की जड़ें कई राज्यों तक फैली हुई हैं।
इस मामले में बनारस के कारोबारी भी दो कदम आगे निकले हुए पाए गए हैं। कोतवाली थाने में अब तक अड़तीस दवा फर्मों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इन आरोपित दवा फर्मों ने आगे सात अन्य कारोबारियों के यहां कफ सीरप की खेप भेजी थी। जिन वाहनों के नंबर से इन खेपों के लिए ई वे बिल बनवाए गए वे जांच में ई रिक्शा और बाइक के निकले हैं। इस तथ्य के सामने आने के बाद पुलिस का मानना है कि जल्द ही इन सात कारोबारियों की गिरफ्तारी भी तय है और मामले में कई नए नाम जुड़ सकते हैं।
कफ सीरप तस्करी के कथित सरगना शुभम जायसवाल और रोहनिया पुलिस द्वारा आरोपित बनाए गए महेश की गिरफ्तारी के लिए पुलिस इनाम की राशि बढ़ाने की तैयारी कर रही है। दोनों पर पहले पच्चीस पच्चीस हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था जिसे बढ़ाकर पचास पचास हजार रुपये किए जाने का प्रस्ताव अपर पुलिस आयुक्त को भेजा गया है। उधर रोहनिया के भदवर स्थित जिम के नीचे बने गोदाम से बरामद पांच सौ पेटी कफ सीरप के मामले में गाजियाबाद के सौरभ त्यागी और शिवाकांत उर्फ शिवा को वाराणसी कोर्ट में पेश किया जाना था लेकिन मंगलवार को दोनों की पेशी नहीं हो सकी। कोर्ट ने गाजियाबाद पुलिस को सोलह दिसंबर को पेश करने के निर्देश दिए थे। वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस पूरे दिन कोर्ट में मौजूद रही ताकि पेशी के बाद दोनों आरोपितों से पूछताछ की अनुमति ली जा सके। पुलिस पहले ही आठ दिसंबर को सौरभ और शिवाकांत की संलिप्तता पाए जाने पर कोर्ट से वारंट बी जारी करवा चुकी है और अब उनकी पेशी के बाद पूछताछ को जांच का अहम हिस्सा माना जा रहा है।
वाराणसी: कफ सीरप तस्करी में फर्जी ई-वे बिल, ट्रकों की जांच में बड़ा खुलासा

वाराणसी में 2000 करोड़ की कफ सीरप तस्करी में फर्जी ई-वे बिल व ट्रकों की भूमिका उजागर हुई है।
Category: uttar pradesh breaking news crime
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