News Report
TRUTH BEHIND THE NEWS

कानपुर: 30 करोड़ की संपत्ति का मालिक कानूनगो बना लेखपाल, डीएम ने की बड़ी कार्रवाई

कानपुर: 30 करोड़ की संपत्ति का मालिक कानूनगो बना लेखपाल, डीएम ने की बड़ी कार्रवाई

कानपुर में सात साल में 30 करोड़ की संपत्ति बनाने वाले कानूनगो आलोक दुबे को डीएम ने लेखपाल बनाया, फर्जीवाड़े का खुलासा।

कानपुर: प्रशासन में उस समय हड़कंप मच गया जब सात वर्षों की सेवा में ही एक कानूनगो की 30 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति का खुलासा हुआ। जांच में सामने आया कि कानूनगो आलोक दुबे ने फर्जी दस्तावेजों और जमीन की हेराफेरी के जरिए बेहिसाब संपत्ति खड़ी की। कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी ने उसे पदावनत कर लेखपाल बना दिया है।

प्रशासनिक जांच में अब तक आलोक दुबे, उसकी पत्नी और बच्चों के नाम पर कुल 41 संपत्तियां सामने आ चुकी हैं। इनमें प्लॉट, मकान और जमीनें शामिल हैं। अनुमानित बाजार मूल्य 30 करोड़ रुपए से अधिक बताया जा रहा है। आरोप है कि दुबे ने पद का दुरुपयोग करते हुए न सिर्फ कागजों में हेराफेरी की, बल्कि कई सौदों में दबाव डालकर अपने लिए हिस्सेदारी भी तय कराई।

इस पूरे प्रकरण में कलेक्ट्रेट में उसके साथ कार्यरत लेखपाल अरुणा द्विवेदी का नाम भी सामने आया है। जांच टीम के अनुसार, अरुणा द्विवेदी भी कई जमीनों पर हिस्सेदार बताई जा रही हैं। दोनों ने मिलकर 2023 से 2025 के बीच शहर के विभिन्न हिस्सों में करीब 8.62 हेक्टेयर जमीन खरीदी। सूत्रों का कहना है कि संपत्ति का यह जाल कानपुर शहर से लेकर आसपास के इलाकों तक फैला हुआ है।

प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, दुबे और अरुणा ने जो जमीनें खरीदीं, उनमें से कई पर पहले से विवाद चल रहा था। आरोप है कि उन्होंने कागजी हेरफेर कर इन विवादित संपत्तियों को अपने नाम कराया और बाद में इन्हें ऊंचे दाम पर बेचने की तैयारी कर रहे थे। इस बीच शिकायतें बढ़ने पर जांच शुरू हुई और घोटाले का पूरा खेल खुलकर सामने आ गया।

जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आलोक दुबे को तत्काल प्रभाव से पदावनत करते हुए लेखपाल बना दिया है। वहीं, उनकी संपत्तियों का ब्योरा आयकर विभाग और सतर्कता आयोग को भी भेजा गया है। अधिकारियों का कहना है कि संपत्ति का मूल्यांकन अभी प्राथमिक स्तर पर है, जांच आगे बढ़ने पर यह आंकड़ा और अधिक निकल सकता है।

प्रशासन ने इस मामले को उदाहरण बनाते हुए साफ किया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर ही कार्रवाई होगी। अब यह देखना होगा कि जांच के अगले चरण में अरुणा द्विवेदी और अन्य संबंधित अधिकारियों पर क्या कदम उठाए जाते हैं।

FOLLOW WHATSAPP CHANNEL
Bluva Beverages Pvt. Ltd

LATEST NEWS